साहब हमारे सिर पर सिर्फ मड़ई थी वह भी छीन ली, जंगल में खेती करने वालों पर कब चलाएंगे बुलडोजर 

देवदत्तपुर के कन्हैया, रमेश और अन्य लोगों ने बताया कि गांव का ही भोला यादव, जो वन विभाग में वॉचर है, कुछ बाहरी लोगों को साथ लेकर उनकी झोपड़ियां उजाड़ दी और रमेश बनवासी को बुरी तरह पीट डाला, जो इस वक्त अस्पताल में भर्ती है।
 

नौगढ़ थाने में घुसे वनवासी

बोले – इंसाफ नहीं मिला तो जंगल छोड़ सड़क पर उतरेंगे

देवदत्तपुर के सैकड़ों वनवासी मड़ई उजाड़े जाने का किया विरोध

चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब जंगल में बसे देवदत्तपुर के सैकड़ों वनवासी मड़ई उजाड़े जाने और मारपीट के विरोध में नौगढ़ तहसील पहुंचे, लेकिन जब कोई अधिकारी सुनवाई के लिए नहीं मिला तो गुस्से से भरे वनवासी सीधे नौगढ़ थाने में घुस पड़े।

वनवासियों ने पुलिस के सामने अपना आक्रोश जाहिर करते हुए कहा — "हम तो सिर पर छत भी नहीं मांग रहे, सिर्फ मड़ई में रहकर जी रहे थे। लेकिन हमें मारा-पीटा गया, हमारी मड़ई तोड़ी गई। वहीं, जो लोग जंगल की जमीन पर खुलेआम खेती कर रहे हैं, उनको कोई कुछ नहीं कह रहा। ये दोहरा मापदंड आखिर क्यों?"

देवदत्तपुर के कन्हैया, रमेश और अन्य लोगों ने बताया कि गांव का ही भोला यादव, जो वन विभाग में वॉचर है, कुछ बाहरी लोगों को साथ लेकर उनकी झोपड़ियां उजाड़ दी और रमेश बनवासी को बुरी तरह पीट डाला, जो इस वक्त अस्पताल में भर्ती है। थाने में शिकायत देने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई।

बताया जा रहा है कि जैसे ही थाने में वनवासी पहुंचे, अफसरों में हलचल मच गई। मौके पर एडिशनल एसपी दिगंबर कुशवाहा और एसडीएम विकास मित्तल पहुंचे। एएसपी ने समझाते हुए कहा – “अगर मड़ई उजाड़ने वालों ने मारपीट की है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अवैध कब्जे पर कोई राहत नहीं मिल सकती।”

इस पर वनवासी और उखड़ गए — “तो फिर खेती करने वालों पर भी बुलडोजर चलाइए! हमारे लिए ही जंगल की जमीन ‘अवैध’ कैसे हो गई?”

प्रदर्शन में सुहागी, गुलाबी, मराछी, कुसुम, रुक्मीना, गीता, सोनी, तीजा, इसरावती, धर्मेंद्र, दिनेश समेत भारी संख्या में ग्रामीण शामिल रहे। चेतावनी दी गई कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वनवासी जंगल से निकलकर सड़क पर उतरेंगे।