राजकीय महाविद्यालय नौगढ़ चंदौली में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार संपन्न

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show राजकीय महाविद्यालय नौगढ़ चंदौली में भारतीय भाषाओं कला एवं संस्कृति का संवर्धन- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में, विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य संरक्षक डॉ वंदना शर्मा शिक्षा निदेशक ,उच्च शिक्षा ,उत्तर प्रदेश ,प्रयागराज एवं मुख्य अतिथि डॉ ज्ञान प्रकाश वर्मा, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी वाराणसी
 

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राजकीय महाविद्यालय नौगढ़ चंदौली में भारतीय भाषाओं कला एवं संस्कृति का संवर्धन- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में, विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य संरक्षक डॉ वंदना शर्मा शिक्षा निदेशक ,उच्च शिक्षा ,उत्तर प्रदेश ,प्रयागराज एवं मुख्य अतिथि डॉ ज्ञान प्रकाश वर्मा, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी वाराणसी रहे।

वेबीनार के प्रारंभ में महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा मंगलाचरण किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रमेश कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि विशिष्ट वक्ताओं तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा विषय से संबंधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उल्लिखित लक्ष्यों और योजनाओं पर प्रकाश डाला तथा भारतीय भाषाओं कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन को राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण बताया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ ज्ञान प्रकाश वर्मा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी वाराणसी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रति शिक्षा जगत से जुड़े लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। नीदरलैंड मैं कार्यरत आचार्य ओमप्रकाश सामवेदी ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए मानवता के विकास में इसके योगदान पर विस्तृत चर्चा की और कहा कि भारत की सांस्कृतिक संपदा का संरक्षण एवं संवर्धन देश की प्राथमिकता होनी चाहिए।

इसी क्रम में काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ,दयालबाग विश्वविद्यालय ,आगरा के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रेम शंकर सिंह सिंह ,टीडी कॉलेज जौनपुर के डॉ अरुण कुमार सिंह ने विस्तार से अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम का संचालन डॉ तेज प्रकाश एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ रंजीत सिंह ने किया। वेबीनार में बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्राध्यापकों रिसर्च स्कॉलर्स एवं छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।