दूल्हा-दुल्हन के साथ बारातियों को मंडप से किया बाहर, रोती रही विधवा मां और बेटी, नहीं पिघला अफसर का कलेजा
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के दौरान नौगढ़ का मामला
रोती बिलखती रही विधवा मां और बेटी
अब चकिया में शादी करने का दे रहे आश्वासन
विधवा महिला का कहना था कि कोई अधिकारी उसकी कोई बात सुनने को तैयार नहीं था । जिसके चलते पूरी तैयारी से आई है विधवा मां अपनी बेटी के हाथ पीले करने से वंचित रह गई।
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी में बताया जा रहा है कि चकरघट्टा थाना क्षेत्र के तेंदुआ गांव की निशा पुत्री स्वर्गीय बाबूलाल का विवाह नई बाजार सोनभद्र निवासी राजेश कुमार के तय हुआ था। निशा की माता कमली ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन 11 नवंबर को ही कर दिया था। उसे फोन करके बुलाया गया था। लेकिन सोमवार को दुल्हन और उसकी मां के साथ दूल्हे को मंडप से भगा दिया गया। बाहर आकर दोनों मां- बेटी फूट-फूट कर रोने लगी। मां अपनी बेटी का विवाह कराए रोटी भी लगाते हुए घर वापस लौट गई।
अब प्रश्न यह उठता है कि महिला ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पंजीकरण कराया था तो उसे बुलाने के बाद मंडप से क्यों भगाया गया। इस तरह की आयोजन के लिए विभागीय अधिकारी काफी ढोल बजाते हैं और अधिक से अधिक लोगों को योजना का लाभ देने के लिए बुलाते हैं, लेकिन जब कोई फरियादी किसी कागजी चूक से वंचित रह जाता है तो उसे बहाना बनाकर टरकाने भी लगते हैं।
इस संबंध में एडीओ समाज कल्याण अनुराग शुक्ला ने बताया कि निशा का मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए पंजीकरण कराया गया था। इसकी हार्ड कॉपी हमें प्राप्त नहीं हुई थी, इसलिए सामूहिक विवाह योजना में शामिल नहीं किया जा सका है। चकिया ब्लाक में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में उसकी शादी कराई जाएगी।