नौगढ़ में पंचायत चुनाव जीतने के बाद भी इन 15 प्रधानों को नहीं मिलेगा चार्ज
tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show
चंदौली जिले के तहसील नौगढ में चुनाव जीतने के बाद भी 15 प्रधान शपथ नहीं ले सकेंगे, ऐसे में निर्वाचित प्रधान कोई कार्य नहीं करा सकते। इन पंचायतों की कमान प्रशासक के हाथों में ही रहेगी। पंचायतों में चुनाव जीतने वाले ग्राम प्रधानों को झटका लगेगा। क्योंकि पंचायत चुनाव जीतने के बाद भी नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान शपथ नहीं ले पाएंगे और न ही कोई कार्य करा पाएंगे।
इस सम्बन्ध में खंड विकास अधिकारी नौगढ़ सुदामा यादव का कहना है कि राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा निर्धारित तिथि आने के बाद फिर से ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव कराकर कोरम पूरा कराया जाएगा।
बताते चले कि ब्लॉक नौगढ़ के 43 ग्राम पंचायतों में सदस्य के 556 पद हैं। इनमें से महज 450 पदों के लिए ही नामांकन हुए हैं। इसके चलते ग्राम पंचायतों में दो तिहाई सदस्य का कोरम पूरा नहीं हो सका है। नियमानुसार कोरम पूरा हुए बगैर प्रधान विकास कार्य नहीं करा सकते हैं। दरअसल जिस ग्राम पंचायत में 11 वार्ड हैं वहां कम से कम आठ, अगर 13 वार्ड हैं तो नौ और 15 वार्ड हैं तो कम से कम 10 सदस्य अनिवार्य होते हैं।
इन ग्राम पंचायतों के प्रधान नहीं ले पाएंगे शपथ
1- जयमोहनी पोस्ता ( किरन)
2- लौवारी कला (यशवंत सिंह)
3- मझगाई ( संतोष)
4- सोनवार (बरहक)
5- मलेवर (सुषमा देवी)
6- परसहवा (अरुण चेरो)
7- जरहर (सुशीला देवी)
8- सेमरा कुसही (गुरुप्रसाद)
9- देवरी कला (लाल साहब)
10- बरबसपुर (जलीमुन)
11- बजरडीहा (संजय यादव)
12- रिठीया (कलावती देवी)
13- परसिया (लाल बिहारी)
14- चुप्पेपुर (पुष्पा कोल)
15- शमशेरपुर संतोष कोल
सबसे मजे की बात तो यह है कि ग्राम पंचायत चुप्पेपुर, परसियां और जयमोंहनी पोस्ता में तो सदस्यों के पदों पर नामांकन ही नहीं हुआ है। फिलहाल इतनी बड़ी संख्या में सदस्यों का चुनाव न होना प्रधानों के लिए मुसीबत बन गया है।
देखा जाए तो हर ग्राम पंचायत में छह समितियां होती हैं। प्रत्येक समिति में एक-एक ग्राम पंचायत सदस्य शामिल होते हैं। इनकी सहमति और हस्ताक्षर से ही विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार होती है।
इस सम्बन्ध में एडीओ पंचायत प्रेमचंद ने (चंदौली समाचार) को बताया कि जिन ग्राम पंचायतों में सदस्यों की संख्या कम है, वहां फिर से दोबारा चुनाव कराना होगा। सदस्यों का कोरम पूरा होने पर ही ग्राम पंचायत को पूर्ण माना जाएगा। इसके बाद ग्राम प्रधानों का शपथ ग्रहण होगा। जिसके बाद वे विकास कार्य करा सकेंगे।