ग्राम प्रधान संघ ने अपर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, रुपेठा गांव के प्रधान का अधिकार बहाल करने की मांग
 

उन्होंने कहा कि प्रधान की ओर से स्पष्टीकरण और काम की फोटो भी उपलब्ध करायी गयी थी। इसके बावजूद कार्रवाई की गई। यह सीधे-सीधे प्रधान के अधिकारों के हनन के समान है।
 

डीएम साहिबा ने सीज किया है पावर

जांच के लिए गठित की है दो अफसरों की टीम

तीन सदस्यीय समिति को दिया प्रधान का पावर

चंदौली जिले के ग्राम प्रधान संघ का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को अपर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा से मिला। इस दौरान उनके साथ आए प्रधानों ने पत्रक सौंपकर रुपेठा ग्राम प्रधान के खिलाफ हुई कार्रवाई वापस लेने की मांग की। सारे लोगों ने कार्रवाई को गलत बताया और कहा कि चुने हुए ग्राम प्रधान के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।

इस दौरान मौके पर उपस्थित संघ के लोगों ने कहा कि प्रधान पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई प्रधान के अधिकारों का सीधे-सीधे हनन है।

उन्होंने कहा कि प्रधान की ओर से स्पष्टीकरण और काम की फोटो भी उपलब्ध करायी गयी थी। इसके बावजूद कार्रवाई की गई। यह सीधे-सीधे प्रधान के अधिकारों के हनन के समान है। प्रधान के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकारों को बहाल करना न्याय संगत होगा। इसीलिए जिला प्रशासन से  प्रधान संघ रूपेठा प्रधान के समस्त अधिकार बहाल करने की मांग करता है।
बताया जा रहा है कि इस दौरान प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष राजेश सिंह यादव, गृजेश सिंह, विनोद कुमार, सिद्धार्थ मौर्या, सुनील सिंह, प्यारेलाल पासवान, ऊषा यादव, ऋषभ आदि रहे।

आपको बता दें कि रूपेठा निवासी मुन्ना पांडेय ने लिखित तौर पर शिकायत करते हुए प्रधान राकेश और सचिव बाबूलाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। डीएम के निर्देश पर उपायुक्त स्वतः रोजगार और एक्सईएन जलनिगम ने जांच की तो आरोपों की काफी हद तक पुष्टि हो गई। इसके बाद मामले में जिलाधिकारी डीएम ईशा दुहन ने उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियित की धाराओं का प्रयोग करते हुए प्रधान राकेश के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों को सीज करने का आदेश जारी करते हुए विस्तृत जांच के लिए उप कृषि निदेशक और एक्सईएन ग्रामीण अभियंत्रण को नामित कर दिया है। मामले में जांच प्रक्रिया पूरी होने तक ग्राम पंचायत सदस्यों की तीन सदस्यीय समिति प्रधान पद के दायित्वों का निर्वहन करती रहेगी।