डॉक्टर, मास्टर, अधिवक्ता भी कर रहे प्रधान बनने की तैयारी

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show कभी समाज सेवा का पर्याय रही राजनीति अब हर व्यवसाय से बढ़कर हो गई है। यही कारण है कि डॉक्टर, मास्टर, अधिवक्ता और व्यवसायी जनप्रतिनिधि बनने की तैयारी में जुट गए हैं। पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान व जिला पंचायत सदस्य बनने के लिए मास्टर, डॉक्टर, अधिवक्ता और व्यवसायी भी भाग्य आजमा रहे हैं। बताते
 

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कभी समाज सेवा का पर्याय रही राजनीति अब हर व्यवसाय से बढ़कर हो गई है। यही कारण है कि डॉक्टर, मास्टर, अधिवक्ता और व्यवसायी जनप्रतिनिधि बनने की तैयारी में जुट गए हैं। पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान व जिला पंचायत सदस्य बनने के लिए मास्टर, डॉक्टर, अधिवक्ता और व्यवसायी भी भाग्य आजमा रहे हैं।

बताते चले कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 26 अप्रैल को मतदान होना है। इसे लेकर गांवों में गहमागहमी काफी बढ़ गई है। इस चुनाव में कम्हरिया में प्रधान पद के लिए शिक्षक ने अपने पत्नी तो घोसवा में शिक्षक ने अपने भाई को मैदान में उतार दिया है। राइस मिलर और ईंट भट्ठा व्यवसायी भी प्रधान पद की चाहत में मैदान में कूद गए हैं। एक चिकित्सक ने अपनी मां को मैदान में उतारा और उनका निर्विरोध निर्वाचन तय है।

एक प्रदेश स्तर के खिलाड़ी ने तो प्रधान पद के लिए अपने पिता को मैदान में उतारा है। एक शिक्षक ने जिलापंचायत सदस्य के लिए भी अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है। कई अन्य गांवों में अधिवक्ता, इंजीनियर और पूर्व सैनिक चुनावी मैदान में उतर कर मतदाताओं के मन को समझने का प्रयास कर रहे हैं। यदि उम्मीदवारों की स्थिति को देंखे तो स्पष्ट हो जाता है कि वे जमे जमाए रोजगार को छोड़कर राजनीति में कैरियर ढूंढ रहे हैं। इसके लिए वे अपने समर्थकों के साथ तन मन धन के साथ जी जान से जुटे हुए हैं। अब तो समय बताएगा कि कौन चुनावी अखाड़े में अपने लक्ष्य को हासिल कर सकेगा।