आखिर क्यों नहीं समय से सरकार देती है मनरेगा कर्मियों को मानदेय, किसकी है लापरवाही
मनरेगा कर्मियों का कहना है कि हर महीने मानदेय नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

मनरेगाकर्मियों को छह माह से नहीं मिला मानदेय
बिना पैसे के फीकी हो गयी होली
होली के पहले दिया गया था आश्वासन
चंदौली जिले के बरहनी ब्लॉक में अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक छह माह के मानदेय नहीं होने से मनरेगा कर्मियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शासन से बजट नहीं मिलने के कारण मानदेय का भुगतान नहीं किया जा सका है। ऐसी स्थिति में होली का त्योहार भी फीका हो गया है।
मनरेगा के तहत अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर, लेखा सहायक और ग्राम रोजगार सेवक तैनात हैं। बरहनी ब्लॉक में एक अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, एक शासन से लेखा सहायक, बजट मिलने एक कंप्यूटर का इंतजार ऑपरेटर और 45 रोजगार सेवक सहित कुल 48 लोग संविदा पर तैनात हैं। कमोबेश जनपद के आठ अन्य ब्लॉकों में भी मनरेगा के लोगों का यही हाल है, जो संविदाकर्मी तैनात हैं, सबको पैसे का इंतजार है।
बरहनी ब्लॉक में तैनात 48 मनरेगा कार्मिकों समेत जिले के ज्यादातर ब्लॉकों में तैनात मनरेगा कार्मिकों को अक्टूबर से मार्च तक का मानदेय नहीं मिला है। मनरेगा कर्मियों का कहना है कि हर महीने मानदेय नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
होली पर बकाया मानदेय मिलने की उम्मीद थी, लेकिन मानदेय नहीं मिल सका। इस संबंध में डीसी मनरेगा आरके चतुर्वेदी का कहना है कि मनरेगा कर्मियों का छह माह का मानदेय बकाया है। शासन से बजट प्राप्त होते ही मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा।