सुप्रीम कोर्ट की अफवाहों से रहें सावधान, पंचायत चुनावों से खतरा अभी टला नहीं है..!
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उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों (Uttar Pradesh Panchayat Elections) पर सुप्रीम कोर्ट में कब सुनवाई होगी इस पर अभी संशय बरकरार है। कोर्ट में यूपी पंचायत चुनाव को लेकर जो अर्जी दाखिल की गई है, उसमें कुछ तकनीकी खामियां हैं। जिसके कारण स्थिति क्लीयर नहीं हो पा रही है। इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। हालांकि याचिका पर सुनवाई का कोई समय तय नहीं हो सका है।
नियमों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी की तकनीकी कमियों को दूर करने के बाद ही मामले को किसी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज की बेंच में सुनवाई के लिए लगाया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर पंचायत चुनावों से जुड़ी एसएलपी अभी तक न तो खारिज़ हुई है और न ही उस पर अभी कोई प्रतिक्रिया हुई है ।केस को सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पीटीशन कल 20 मार्च 2021 को फ़ाइल किया गया है जिसका केस डायरी नंबर _7989/2021 है । केस में अभी पूरा ड्राफ्ट न कम्पलीट होने से डिफेक्टेड लिख के आ रहा है ।
इस बात की भी चर्चा आ रही है कि अभी तक यह केस में स्पेशल लीव पीटीशन (slp) नंबर तक नहीं अलॉट हुआ है। कहा जा रहा है कि केस में ड्रॉफ्ट को पूरी तरह सबमिट होने के बाद slp नंबर मिलेगा उसके बाद डेट और जज बेंच डिसाइड होगी तब सुनवाई के बाद जो फैसला आना होगा आएगा।
बता दें कि पिछले दिनों हाईकोर्ट ने वर्ष 2015 को आधार वर्ष मानकर प्रदेश में पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू करने का आदेश दिया था और 25 मई तक पंचायत चुनाव संपन्न कराने के लिए कहा था। जिसके बाद हर जिले में आरक्षण की संशोधित सूची जारी कर दी गयी है। जिलों ने 2015 के चक्रानुक्रम को आधार मानते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सीटवार संशोधित अनंतिम आरक्षण सूची जारी कर दी गई है। इस संशोधन से प्रदेश भर में सीटों के आरक्षण में भारी बदलाव हुआ है।
सरकार ने हाईकोर्ट के आदेशानुसार जिलाधिकारियों को प्रधानों व क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के पदों के आरक्षण और जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत वार्डों के आरक्षण व आवंटन की प्रस्तावित सूची 20 से 22 मार्च तक प्रकाशित किए जाने के निर्देश दिए थे।