जानिए वोटर लिस्ट की जांच के दौरान कैसे भिड़े SDM व कार्यालय के बाबू…?

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show बड़ी खबर व जिला चंदौली जिले में हो रही पंचायत चुनाव के वोटर लिस्ट की गड़बड़ी की जांच आज दोपहर 12:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक की गई। इस दौरान एसडीएम सदर तथा तहसीलदार सदर के मौजूदगी में निर्वाचन कार्यालय के बाबू और एसडीएम में हॉट-टॉक हो गयी। बताते चलें कि आज पंचायत
 

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चंदौली जिले में हो रही पंचायत चुनाव के वोटर लिस्ट की गड़बड़ी की जांच आज दोपहर 12:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक की गई। इस दौरान एसडीएम सदर तथा तहसीलदार सदर के मौजूदगी में निर्वाचन कार्यालय के बाबू और एसडीएम में हॉट-टॉक हो गयी।

बताते चलें कि आज पंचायत चुनाव के वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कराने का ऑडियो वायरल होने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय को सील कर दिया गया था, जिसकी जांच के लिए जिला अधिकारी के निर्देश पर सदर एसडीओ विजय नारायण सिंह व तहसील सदर तहसीलदार मौके पर पहुंचकर सील किए कमरे को खोल कर जांच की।

बताते चलें कि पंचायत चुनाव के वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कराने का ऑडियो वायरल होने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय को सील कर दिया गया था, जिसकी जांच के लिए पहुंचे उप जिला अधिकारी द्वारा मौके से निर्वाचन कार्यालय के बाबू को हटाए जाने की बात पर हॉट टॉक शुरू हुई।

निर्वाचन विभाग के बाबू ने कहा कि मेरा कर्तव्य बनता है कि आप की जांच के दौरान वहां उपस्थित रहूं। यदि जांच के दौरान किसी प्रकार का कागजात मिस होगा तो उसके लिए हमें जिम्मेदार ठहराया जाएगा, इसलिए जो भी जांच की जाए..वह हमारे सामने की जाए। इसी बात पर एसडीएम साहब नाराज हो गए।

इस संबंध में जिला निर्वाचन कार्यालय के बाबू ने बताया कि एसडीएम द्वारा मुझे कार्यालय से बाहर किया जा रहा था, जिसके लिए मना करने पर एसडीएम द्वारा फटकार लगायी गयी, लेकिन मेरा कर्तव्य बनता है कि अपने विभाग के कार्य व दायित्वों की बात अधिकारियों के सामने रखूं। इसके कारण मैं वहां मौके पर मौजूद रहा बाकी उच्चाधिकारियों की जो भी मंशा हो, उस के लिए तैयार हूं।

अब देखना है कि इस स्थिति में किस प्रकार उप जिलाधिकारी द्वारा जांच कर इस पंचायत चुनाव के वोटर लिस्ट से जो नाम कटे हैं, उन्हें किस प्रकार जोड़ने का कार्य किया जाता है और दोषियों के खिलाफ अब जिला प्रशासन किस प्रकार की कार्रवाई करता है।

इस जांच के संबंध में उप जिलाधिकारी से बात करने की कोशिश की गयी तो उपजिलाधिकारी सदर ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।