आखिर कब तक नाराज रहेंगी साधना सिंह, दूरी से राजनीतिक करियर पर पड़ेगा असर

चंदौली जिले में राजनीतिक विरोध व समर्थन का रंग जोरशोर से दिखायी देने लगा है। चंदौली के सांसद व कैबिनेट मंत्री के हर कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली मुगलसराय की पूर्व विधायक साधना सिंह विधानसभा का टिकट कटने के बाद से सांसद से कट गयी हैं और अब जिला मुख्यालय पर होने वाले कार्यक्रमों में भी शिरकत करने से परहेज करती हैं।
 
पूर्व विधायक साधना सिंह विधानसभा का टिकट कटने के बाद से सांसद से कट गयी

चंदौली जिले में राजनीतिक विरोध व समर्थन का रंग जोरशोर से दिखायी देने लगा है। चंदौली के सांसद व कैबिनेट मंत्री के हर कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली मुगलसराय की पूर्व विधायक साधना सिंह विधानसभा का टिकट कटने के बाद से सांसद से कट गयी हैं और अब जिला मुख्यालय पर होने वाले कार्यक्रमों में भी शिरकत करने से परहेज करती हैं। ऐसा माना जा रहा था कि विधानसभा के सत्र में वर्तमान विधायकों के बिजी होने के कारण मौके पर पूर्व विधायक गण दिखेंगे। ऐसे में शिवपूजन राम के अलावा कोई और नहीं दिखा।

गुरुवार को जब जिला मुख्यालय पर आयोजित कई कार्यक्रमों में साधना सिंह नहीं दिखीं तो कार्यकर्ताओं में तरह तरह की चर्चा सुनी गयी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि एक समय था जब एयरपोर्ट से रिसीव करने से लेकर छोड़ने तक कदम कदम पर सांसद के साथ दिखने वाली साधना सिंह ने महेन्द्रनाथ पांडेय को अपना राजनीतिक शत्रु मान लिया है। टिकट कटने के बाद से उनका कार्यक्रमों से कटना उनके राजनीतिक भविष्य के लिए ठीक नहीं है।

वहीं इस बात की चर्चा हो रही है कि साधना सिंह खुद को ऐसे आयोजनों से दूर होंगी तो जनता उनको नोटिस करना बंद कर देगी और यह उनके राजनीतिक करियर के लिए खतरनाक कदम है। बड़े नेताओं के कार्यक्रम में वर्तमान व पूर्व विधायकों के साथ साथ पार्टी के कार्यकर्ता होते हैं तो उन्हें मंच साझा करने का मौका मिलता है और जनता को संबोधित करने का मंच मिलता है। उससे राजनीतिक सक्रियता बनी रहती है। यह भविष्य के लिए अच्छा होता है।

अगर साधना सिंह को अपना राजनीतिक करियर बचाए रखना है तो अपना गुस्सा छोड़कर अब फिर से राजनीतिक मैदान में सक्रिय होना चाहिए। हालांकि इस कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष के साथ साथ नगर पंचायतों व नगर पालिका के अध्यक्ष व ऐसे तमाम राजनीतिक चेहरे दिखे जो अपनी राजनीतिक पारी को आगे बढ़ाना चाहते हैं और खुद को विधानसभा व लोकसभा के टिकट के दावेदार प्रस्तुत कर सकते हैं।

आपको बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट कटने के लिए साधना सिंह सांसद महेन्द्र नाथ पांडेय को ही जिम्मेदार मानती हैं और उसके बाद से दोनों लोगों ने एक दूसरे से दूरी बना रखी है। दोनों लोग कभी साथ नहीं दिखायी दिए हैं।