सांसद वीरेन्द्र सिंह लोकसभा में बोले- गरीबों के इलाके में शराब ठेके बढ़ाकर परिवार को बिगाड़ रही सरकार..देखें वीडियो

सपा सांसद ने पूर्वांचल में, कैंसर जैसी बीमारी के बढ़ते खतरे और शराब तथा नशीले पदार्थों के दुरुपयोग से गरीबों को होने वाले सामाजिक नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की।
 

चंदौली के सांसद वीरेन्द्र सिंह ने लोकसभा में चर्चा में लिया भाग


गुटखा और पान मसाला जैसी चीजों के खतरों पर चर्चा


गुटखा और पान मसाला पर लगने वाले उपकर पर सरकार को सलाह दी


कहा-सरकार जो टैक्स पाएगी उसका उपयोग कैंसर जैसी महामारी के लिए किया जाए

 चंदौली के सांसद वीरेन्द्र सिंह ने हाल ही में लोकसभा में स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक 2025 पर चर्चा में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने देश में, विशेषकर पूर्वांचल में, कैंसर जैसी बीमारी के बढ़ते खतरे और शराब तथा नशीले पदार्थों के दुरुपयोग से गरीबों को होने वाले सामाजिक नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की।

गुटखा उपकर का उपयोग कैंसर उपचार पर हो
सांसद वीरेन्द्र सिंह ने सदन में बोलते हुए कहा कि गुटखा और पान मसाला जैसे व्यसनों के चलते कैंसर एक महामारी का रूप ले चुका है। उन्होंने सरकार को गुटखा और पान मसाला पर लगाए जा रहे उपकर (Cess) के संबंध में महत्वपूर्ण सलाह दी।

चंदौली सांसद वीरेन्द्र सिंह ने लोकसभा में चर्चा में लिया भाग

उन्होंने आशा व्यक्त की, "इस उपकर को लगाने के बाद जो धन इकठ्ठा होगा, उसका उपयोग कैंसर जैसी बीमारी के उपचार, रोकथाम और जागरूकता के लिए किया जाएगा।" उन्होंने जोर दिया कि टैक्स से प्राप्त इस धन का उपयोग सीधे उन लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित करने में होना चाहिए जो इन व्यसनों से सबसे अधिक प्रभावित हैं।

पूर्वांचल में उपचार सुविधाओं की कमी
सांसद ने आंकड़ों का हवाला देते हुए स्थिति की भयावहता समझाई। उन्होंने कहा कि केवल पूर्वांचल में ही हर साल दो लाख कैंसर के नए मरीज चिन्हित हो रहे हैं। इसके विपरीत, उपचार सुविधाओं की घोर कमी है।

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संस्थानों की कमी: करोड़ों की आबादी वाले क्षेत्र में उपचार करने वाले संस्थान देखें तो केवल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) और भाभा कैंसर हॉस्पिटल जैसे इक्का-दुक्का डायग्नोसिस सेंटर ही चल रहे हैं। उन्होंने बेहतर उपचार और डायग्नोसिस सेंटर स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

गरीबों को शराब से होने वाला नुकसान
सांसद ने शराब व नशीली चीजों के ठेकों को लगातार बढ़ाने की सरकारी नीति पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि हर साल सरकार इन ठेकों की संख्या 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ाती जा रही है, और ये ठेके अक्सर गरीबों के इलाके में खोले जाते हैं।

वीरेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया कि यह एक ऐसी नीति है जिसके चलते गरीब शराब में मदहोश रहें और उनके परिवार की आर्थिक व सामाजिक स्थिति न सुधर पाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग आयुष्मान कार्ड का गुणगान करते हैं, लेकिन कैंसर की बीमारी में यह कितना लाभकारी होगा, यह देखने वाली बात होगी।

मिलावट और टैक्स चोरी पर हो नियंत्रण
सांसद ने शराब में मिलावट से हो रही मौतों की बढ़ती संख्या पर भी आक्रोश व्यक्त किया और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने शराब बनाने वाले उन लोगों पर नियंत्रण लगाने की जरुरत बताई जो बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी करते हैं। अंत में, उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों का उपयोग करने वाले लोग न केवल अपने परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी खतरा पैदा करते हैं।