जिला पंचायत की राजनीति की ‘सुपर स्टार’ फिर बनेगा किंग मेकर, सपा-भाजपा में किसका बिगड़ेगा खेल..?

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में छत्रबली सिंह को जिला पंचायत की राजनीति की ‘सुपर स्टार’ कहा जाय तो गलत नहीं होगा। पिछले दो बार से कुर्सी पर अपना कब्जा रखने वाले छत्रबली सिंह अबकी बार भी यह तय करेंगे कि चंदौली जिले के जिला पंचायत की कुर्सी पर कौन काबिज होगा। ऐसा इसीलिए कहा जा रहा है
 

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चंदौली जिले में छत्रबली सिंह को जिला पंचायत की राजनीति की ‘सुपर स्टार’ कहा जाय तो गलत नहीं होगा। पिछले दो बार से कुर्सी पर अपना कब्जा रखने वाले छत्रबली सिंह अबकी बार भी यह तय करेंगे कि चंदौली जिले के जिला पंचायत की कुर्सी पर कौन काबिज होगा। ऐसा इसीलिए कहा जा रहा है कि जिला पंचायत के टिकटों के बंटबारे में हुयी किचकिच के कारण न तो भाजपा और न ही सपा को बहुमत हासिल हुआ है। अब सारा दारोमदार निर्दलियों की भूमिका पर है।

चंदौली जिले में हर कोई जानता है कि छत्रबली सिंह निर्दलियों को अपना बनाने का सबसे शानदार हुनर रखते हैं। इसके लिए वह अपनी तैयारी शुरू कर चुके हैं और इसीलिए फिलहाल किसी अनजान व पत्रकारों का फोन या तो रिसीव नहीं कर रहे हैं या फिर अपने बांटे गए मोबाइल नंबर को बंद रखे हुए हैं।

इस कला में माहिर हैं छत्रबली सिंह

जब से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी का ख्वाब देखने वाले भाजपा के सारे पिछड़ी जाति से संबंध रखने वाले उम्मीदवार व सांसद जी के खासमखास चुनाव हारे हैं तब से छत्रबली सिंह की भूमिका और मजबूत हो गयी है। छत्रबली सिंह ने न सिर्फ अपना पिछड़ी जाति वाला उम्मीदवार जिताया है, बल्कि अन्य जगहों पर जीतने वाले घोड़ों (जिला पंचायत सदस्यों) की कई तरह से बैक डोर मदद भी की है। जो समय आने पर सबसे पहले छत्रबली सिंह के ही पाले में खड़े होंगे।

ऐसी भी चर्चा है कि दूसरे दलों में एक दो ऐसे जिला पंचायत सदस्य जीते हैं, जो पिछले बार की तरह छत्रबली सिंह की मंशा के अनुरूप वोट देंगे। इसके लिए अगर उनको पार्टी से भी बैर करना पड़ेगा तो वह करने को तैयार हो जाएंगे।

अब आप डालिए चंदौली जिले से जीते जिला पंचायत सदस्यों पर एक नजर

पार्टी वार सीटों का विवरण —

भाजपा — 8 सीट
सपा — 10 सीट
बसपा — 5 सीट
निर्दल — 10 सीट
अन्य — 2 सीट (भागीदारी मोर्चा व समाजवादी जनवादी पार्टी )

ब्लाक चंदौली —

सेक्टर 1 — दिलीप सोनकर ( भाजपा )
सेक्टर 2– लव बियार (सपा )
सेक्टर 3—- प्रियंका सिंह (बसपा )
सेक्टर 4 —रमेश यादव ( सपा )

ब्लाक धाना पुर —-

सेक्टर 1– रीमा (सपा )
सेक्टर 2– कांति देवी (सपा )
सेक्टर 3– अंजनी सिंह (निर्दल )
सेक्टर 4 — गणेश (भागीदारी मोर्चा )

सकलडीहा ब्लाक —

सेक्टर 1 — इंदू देवी (निर्दल )
सेक्टर 2 —अभय शंकर पाण्डेय (भाजपा )
सेक्टर 3 —मुलायम सिंह यादव (निर्दल )
सेक्टर 4 —राकेश राम (निर्दल )
सेक्टर 5 —साहब सिंह ( बसपा )

चहनियां ब्लाक —

सेक्टर 1 —- शायरा बानो (भाजपा )
सेक्टर 2 — बिरेन्द्र यादव (सपा )
सेक्टर 3 —माया देवी (सपा )
सेक्टर 4 —गोपाल सिंह (भाजपा )

नौगढ़ ब्लाक —

सेक्टर 1 — सुनीता (निर्दल )
सेक्टर 2 —आजाद अंसारी (बसपा )

शाहबगंज ब्लाक —

सेक्टर 1 — आजाद राम ( निर्दल )
सेक्टर 2 — दीनानाथ (निर्दल )
सेक्टर 3 — सीता (निर्दल )

चकिया ब्लाक —

सेक्टर 1 — विजय कुमार साहनी (समाजवादी जनवादी )
सेक्टर 2 —- दीपक पासवान (निर्दल )
सेक्टर 3 —- डॉ मंजू देवी ( भाजपा )

बरहनी ब्लाक —-

सेक्टर 1 –सीमा सिंह (भाजपा )
सेक्टर 2 –संध्या सिंह (भाजपा )
सेक्टर 3 –रीना त्रिपाठी ( भाजपा )
सेक्टर 4 –आशीष सिंह छोटू ( बसपा )

नियमताबाद ब्लॉक —

सेक्टर –1 — जहांगीर (बसपा )
सेक्टर–2 — शमीम सिद्धकी — (सपा )
सेक्टर 3 — अजीत यादव —(सपा )
सेक्टर 4 — तेजनारायण यादव (निर्दल)
सेक्टर 5 — बबिता यादव (सपा )
सेक्टर 6 — महेन्द्र माही (सपा )

चंदौली में भाजपा व सपा के लोग जानते हैं कि वह छत्रबली सिंह के चक्रव्यूह व शातिर चुनावी चाल को आसानी से भेद नहीं पाएंगे। इसके बावजूद वह अपनी अपनी पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने का बेवजह राग अलाप रहे हैं। अगर कोई यह पूछ दे कि कैसे बनाएंगे तो इस सवाल पर उनकी बोलती बंद हो जाएगी।

भाजपा का ओवर कांफिडेंस ले डूबा

भाजपा के जिले में बैठे व सांसद जी खासमखास लोगों को टिकट वितरण के समय इस बात को जरूरत से ज्यादा ओवर कांफिडेंस था कि उन्होंने जिनको टिकट दिया है, वे सारे लोग डबल इंजन की सरकार के नाम व काम के दम पर जीत जाएंगे। भाजपा के जिलाध्यक्ष समते तमाम दिग्गजों को 20 सीटें आसानी से जीत लेने का भरोसा था। तभी तो कई विधायक भी प्रचार में नहीं गए या कुछ को सपोर्ट नहीं किया। अब अगर अपनी पार्टी के किसी को जिला पंचायत की कुर्सी पर बैठाना है तो छत्रबली सिंह की शरण जाना होगा या उनको अपनी शरण में लाना होगा।

सपा की गुटबाजी ने काम बिगाड़ा

वहीं समाजवादी पार्टी को लग रहा था कि सत्ता विरोधी लहर व कोरोना की बदइंतजामी को देखकर लोग सारा वोट सिर्फ सत्यनारायण राजभर के जिताऊ लोगों को देंगे। यह भूल गए कि जीत के लिए जनता की नब्ज व कंडीडेट को भी जानना समझना जरूरी होता है। इसीलिए सपा के 10 सदस्य जरूर जीते पर कई सीटों को बागियों ने निर्दलीय उतर कर हरा दिया। कुछ पक्की जीत वाले अपने कर्म से हार गए। इससे अब इनको भी या तो छत्रबली सिंह की जरूरत होगी या निर्दलियों की। किसको कौन अपने पाले में करता है अब यह देखने वाली बात होगी।

हालांकि भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष इस बात का दावा कर रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी के जीते सदस्यों के साथ तमाम निर्दलीय सदस्य भाजपा को वोट करेंगे क्योंकि उनकी बातचीत हो गई है और जीतने वाले अधिकांश सदस्य उनके संपर्क में हैं। ऐसे में जिसको भारतीय जनता पार्टी का आशीर्वाद होगा, वही जिला पंचायत अध्यक्ष बनेगा ।

ऐसे में चुनावी विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता केवल अपना ख्याली पुलाव पका रहे हैं। उन्हें अगर अपनी पार्टी का जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाना है तो उन्हें छत्रबली सिंह की शरण में जाना होगा या छत्रबली सिंह को उनकी शरण में आना होगा। बिना दोनों को एक दूसरे की मदद किए भारतीय जनता पार्टी का यह सपना पूरा नहीं होने वाला है, लेकिन अगर समाजवादी पार्टी छत्रबली सिंह को अपने खेमे में खींचने में कामयाब हो जाती है, तो समाजवादी पार्टी के समर्थन से या छत्रबली सिंह का उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के समर्थन से जिला पंचायत अध्यक्ष जरूर बन जाएगा।

हालांकि अभी भी किसी भी दल ने या धड़े ने अपना कोई उम्मीदवार प्रस्तावित नहीं किया है, लेकिन जिस तरह से छत्रबली सिंह ने अपने इलाके से पिछड़ा वर्ग के अपने एक खासमखास को चुनाव मैदान में उतारा है और शहाबगंज अपने कई जिला पंचायत सदस्य जिताने में कामयाबी हासिल की है, उससे तो ऐसा ही लगता है कि अब की बार भी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की चाबी एक बार फिर से छत्रबली सिंह के ही हाथों में होगी।