अबकी बार शहाबगंज में छत्रबली के कंडीडेट को मिलेगा वॉक ओवर, सामने आने को कोई तैयार नहीं

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के शहाबगंज ब्लॉक में ब्लाक प्रमुख का चुनाव एक तरफा होने की उम्मीद है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहे छत्रबली सिंह के विकासखंड में लगता है अब की बार किसी और की दाल नहीं गलने वाली है। इसीलिए माना जा रहा है कि उनके यहां काम करने वाले आजाद राम की पत्नी गीता
 

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चंदौली जिले के शहाबगंज ब्लॉक में ब्लाक प्रमुख का चुनाव एक तरफा होने की उम्मीद है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहे छत्रबली सिंह के विकासखंड में लगता है अब की बार किसी और की दाल नहीं गलने वाली है। इसीलिए माना जा रहा है कि उनके यहां काम करने वाले आजाद राम की पत्नी गीता देवी अबकी बार निर्विरोध ब्लाक प्रमुख पद पर नियुक्त हो जाएंगी।

शहाबगंज ब्लाक की सीट अबकी बार अनसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित है। ब्लॉक प्रमुख की सीट पर छत्रबली सिंह ने बहुत सोची-समझी रणनीति के तहत अपने प्रत्याशी का चयन किया था और उसे अपने गांव की सीट से लड़ा कर जिता भी दिया है। अब उसे ब्लॉक प्रमुख बनाने में सफल भी होते दिख रहे हैं। क्योंकि कोई और दावेदार इस तरह की रणनीति पर काम करने और अनुसूचित जाति के कैंडिडेट को जिताने में असफल रहा है।

बताया जा रहा है कि वैसे तो शहाबगंज में ब्लॉक प्रमुख बनने का ख्वाब देखने वाले कई दावेदार बताए जा रहे थे। पर जैसे ही आरक्षण के कारण सीट अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो गयी। अन्य लोग किसी अन्य जाति के कैंडिडेट पर दांव खेलना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं, जिसके चलते अब ब्लॉक प्रमुख चुनाव एक तरफा मुकाबले वाला माना जा रहा है।

वैसे अगर देखा जाय तो छत्रबली सिंह से अपने इलाके में पंचायत चुनाव की मतगणना के बाद से ही मौजूदा क्षेत्र पंचायत सदस्यों के यहां मिष्ठान वितरण कार्यक्रम करा चुके हैं। साथ ही साथ उनकी ख्वाहिश पूरा करने का आश्वासन भी दे चुके हैं, कुछ लोगों के यहां उनकी इच्छा अनुरुप सामग्री भी पहुंच गयी है, जिससे ऐसा लगता है कि आगामी एक-दो हफ्ते में होने वाले क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में उनकी तूती बोलेगी और अबकी बार उनका कैंडिडेट निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बहुत आसानी से बन जाएगा।

हालांकि इस मामले पर छत्रबली सिंह का पक्ष जानने के लिए उनके पास कई बार फोन किया गया, लेकिन वह पंचायत चुनाव की मतगणना के बाद से ही किसी का फोन रिसीव करने से परहेज कर रहे हैं और जिला पंचायत के साथ-साथ अपने ब्लॉक की क्षेत्र पंचायत प्रमुख की सीट पर पूरी तरह से कब्जा करने की रणनीति पर गुपचुप तरीके से काम कर रहे हैं।