पोलिटिकल प्रेशर के बाद माधोपुर जाने वाली सड़क से हटाया गया नहर का मलबा, डर गया सिंचाई विभाग
पूर्व विधायक मनोज सिंह 'डब्लू' के घर तेरहवीं कार्यक्रम
माधोपुर सड़क पर मलबा डालने से बढ़ा था विवाद
पूर्व विधायक मनोज सिंह ने बताया द्वेषपूर्ण मानसिकता का परिणाम
माधोपुर जाने वाली सड़क से हटाया गया मलबा
रास्ते से आने जाने वाले ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
धीना क्षेत्र के माधोपुर गांव को जाने वाली मुख्य सड़क पर नहर की सफाई के दौरान डाला गया मलबा और कीचड़ स्थानीय ग्रामीणों के बीच बढ़ते आक्रोश का कारण बन गया था। मलबा सड़क के एक बड़े हिस्से पर फैल गया था, जिससे आवागमन लगभग ठप हो गया था और लोगों को भारी असुविधा हो रही थी। लगातार बढ़ते विरोध और मीडिया में मामला उठने के बाद, सिंचाई विभाग ने आखिरकार कार्रवाई की। विभाग के अवर अभियंता मुकेश कुमार ने तुरंत पहल करते हुए मजदूरों और एक जेसीबी मशीन की मदद से सड़क पर पड़े पूरे मलबे और झाड़ियों को हटवा दिया, जिसके बाद रास्ता पुनः सुचारू हो सका। विभागीय कार्रवाई के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
पूर्व विधायक मनोज सिंह ‘डब्लू’ ने उठाए गंभीर सवाल
इस पूरे मामले पर सपा के पूर्व विधायक मनोज सिंह ‘डब्लू’ ने स्थानीय प्रशासन और नहर सफाई के ठेकेदार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सिंह, जो हाल ही में पितृशोक से उबरे हैं, ने अपने पिता के दशवां संस्कार के ठीक अगले दिन ही इस स्थानीय समस्या को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने नहर सफाई के समय को लेकर प्रशासन और कुछ तथाकथित स्थानीय नेताओं की मंशा पर संदेह व्यक्त किया।
पूर्व विधायक ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनके पैतृक आवास माधोपुर में 8 दिसंबर को उनके पिता का तेरहवीं कार्यक्रम निर्धारित है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे समय में कुछ तथाकथित स्थानीय नेताओं ने जल्दबाज़ी में नहर की सफाई कराकर मलबा जानबूझकर सड़क पर डलवा दिया, जिससे आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया। उन्होंने इस कृत्य को सुचारू व्यवस्थाओं का हिस्सा मानने से इंकार किया और इसे द्वेषपूर्ण मानसिकता का सीधा परिणाम बताया।
आवागमन हुआ था पूरी तरह बाधित
मनोज सिंह 'डब्लू' ने सड़क पर बनी हुई स्थिति का वर्णन करते हुए बताया कि नहर से निकला हुआ गीला मलबा और झाड़ियाँ पूरे रास्ते पर फैल गई थीं। स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि साइकिल, पैदल यात्री और यहाँ तक कि बाइक सवारों का भी सुरक्षित निकलना मुश्किल हो गया था। सड़क का लगभग आधा हिस्सा ठोस मलबे और झाड़-झंखाड़ से ढका हुआ था। इससे सबसे बड़ी समस्या यह हुई कि जब सड़क पर दोनों ओर से चारपहिया वाहन आमने-सामने आते थे, तो वहाँ से निकलना लगभग असंभव हो जाता था, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
ग्रामीणों ने सफाई की टाइमिंग पर व्यक्त की नाराज़गी
इस असुविधाजनक स्थिति पर ग्रामीणों में भी जबरदस्त आक्रोश था। स्थानीय लोगों ने नहर सफाई के समय को लेकर अपनी नाराज़गी व्यक्त की। उनका साफ कहना था कि तेरहवीं जैसे बड़े सामाजिक कार्यक्रम से ठीक पहले जानबूझकर सड़क को बाधित कर देना निहायत ही अनुचित था। ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से महसूस किया कि यह पूरा मामला राजनीतिक द्वेष और दुर्भावना से प्रेरित प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि नहर सफाई का कार्य दो-चार दिन बाद भी आसानी से किया जा सकता था, लेकिन जल्दबाजी में सड़क पर मलबा डालकर अनावश्यक रूप से स्थानीय लोगों और पूर्व विधायक के परिवार के लिए असुविधा पैदा की गई।
सिंचाई विभाग की त्वरित कार्रवाई से मिली राहत
ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश और पूर्व विधायक द्वारा मामला उठाए जाने के बाद, सिंचाई विभाग सक्रिय हुआ। अवर अभियंता मुकेश कुमार के निर्देश पर, तत्काल जेसीबी और मजदूरों को मौके पर लगाया गया। युद्धस्तर पर काम करते हुए सड़क से पूरा मलबा और अवरोध हटा दिया गया, जिससे माधोपुर का आवागमन फिर से सामान्य हो गया है। विभागीय कार्रवाई में तेजी दिखाए जाने पर स्थानीय ग्रामीणों ने संतोष और राहत व्यक्त की है।