चंदौली में सुनने को तैयार हो जाइए 'मदारी' और 'बंदर' के और भी किस्से, कुछ ऐसा है मनोज सिंह का पलटवार
चंदौली में रंग लाएगा मदारी व बंदर वाला बयान
आखिर क्यों इस तरह की भाषा बोल रहे हैं राजनेता
क्या यह राजनीति के लिए सही है
चंदौली जिले की राजनीति में अब व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप भी जोर पकड़ रहा हैं। पहले केवल राजनीतिक मुद्दों पर कहासुनी होती थी और एक दूसरे से सवाल जवाब किया जाता था, लेकिन अब नेता दूसरे नेता को एक खास नाम से संबोधित करने लगे हैं। चंदौली जिले में आजकल 'मदारी' और 'बंदर' की चर्चा शुरू हो गई है।
आपको बता दें कि चंदौली जिले की सैयदराजा विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक मनोज कुमार सिंह डब्लू को भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुशील सिंह के द्वारा कई बार 'मदारी' कह कर संबोधित किया गया है। पहले तो मनोज कुमार सिंह डब्लू इस बात को नजरअंदाज करते थे, लेकिन रविवार को जिस तरह से विधायक सुशील सिंह ने सैयदराजा विधानसभा के नौबतपुर में बन रहे मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान एक बार फिर 'मदारी' कहकर संबोधित किया, तो मनोज कुमार सिंह डब्लू को यह बात नागवार गुजरी और उन्होंने वीडियो जारी करके जोरदार पलटवार किया है। अब मनोज कुमार सिंह डब्लू ने सैयदराजा विधायक को 'बंदर' कहकर संबोधित किया है।
विधायक के अंदाज में दूंगा जवाब
कहा जा रहा है कि अब जिले की राजनीति में यह दोनों शब्द काफी दिनों तक सुनाई देंगे। इस तरह की टिप्पणी के बारे में जब चंदौली समाचार के न्यूज एडिटर विजय कुमार तिवारी में सपा के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक मनोज कुमार सिंह डब्लू से बात की थी तो उनका कहना था कि इस तरह की भाषा की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुशील सिंह जी के द्वारा शुरू की गई है। अब उनको इसका जवाब भी सुनना होगा। सुशील सिंह अगर कुछ कह रहे हैं, तो सुनने के लिए भी तैयार रहें। अभी तक मैं उनको विधायक जी ही कहता था, लेकिन जब उन्होंने अपनी मर्यादा लांघी है, तो उन्हें भी कुछ करना पड़ेगा। अगर मैं उनकी नजर में 'मदारी' हूं तो वह मेरी नजर में 'बंदर' हैं। क्योंकि मदारी जिस तरह से चाहता है, बंदर को उसी तरह से नाचना पड़ता है। यह काम मैं 'मदारी' की तरह 'बंदर' से करा चुका हूं। उन्हें पिछले कई मुद्दों पर 'बंदर' बना चुका हूं।'
सपा नेता ने कहा कि आपको याद होगा कि जब मैं नारायणपुर पंप कैनाल पर गया तो मेरे पीछे पीछे सुशील सिंह वहां गए। इसके पहले जब मैं किसानों की फसल खरीद के लिए क्रय केंद्रों पर गया तो विधायक सुशील सिंह को क्रय केंद्रों की याद आई। जब मैंने सेना भर्ती के अब मुद्दा उठाया तो विधायक जी दौड़े-दौड़े दिल्ली पहुंच गए... इसलिए ऐसा लगता है कि मदारी जिस ओर इशारा करता है बंदर की ओर दौड़ कर अपना करतब दिखाने लगता है। मैं विधायक जी कहते कहते मैं थक चुका हूं.. अब सुशील सिंह को उन्हीं की भाषा में जवाब दूंगा। क्योंकि जो वह चाहते हैं वही होगा।
नहीं हो पायी विधायक से बात
इस बारे में सैयदराजा के विधायक सुशील सिंह से बातचीत करने की कोशिश की गई तो ऐसा लग था कि कार्यक्रमों में व्यस्तता के कारण उनका फोन नहीं उठा पाया। न ही उन्होंने मेरे द्वारा भेजे गए मैसेज का कोई जवाब दिया। इसलिए उनका पक्ष नहीं जाना है जा सका। जैसे ही विधायक जी से बात होगी उनकी प्रतिक्रिया से अवगत कराने की कोशिश करेंगे। लेकिन चंदौली जिले में स्वस्थ राजनीति के बजाय अब इस तरह की व्यक्तिगत आक्षेप वाले राजनीत शोभा नहीं देती है।
पत्रकार बोले- अच्छी बात नहीं
एक दूसरे पर इस तरह की टिप्पणी को जिले के पत्रकार भी उचित नहीं मानते हैं। जिले के वरिष्ठ पत्रकार आनंद सिंह का कहना है कि दोनों राजनेताओं को इस तरह की व्यक्तिगत टिप्पणी से बचना चाहिए और जिले के विकास व मुद्दों पर चर्चा करते हुए बात करनी चाहिए। राजनीति में इस तरह से व्यक्तिगत आक्षेप अच्छा नहीं माना जाता। यह चंदौली जिले की राजनीति के लिए शुभ संकेत नहीं है।