घिनौनी राजनीति कर रही भाजपा सरकार, ब्राह्मण देंगे हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के अपमान का जवाब
सपा कार्यालय में कार्यक्रम करके आलोचना
सपा के पूर्व सांसद ने दी आंदोलन की चेतावनी
7 बार के विधायक व पूर्वमंत्री का अपमान कर रही सरकार
चंदौली जिले के समाजवादी पार्टी कार्यालय मुगलसराय में एक आवश्यक बैठक करके भाजपा सरकार के द्वारा ब्राह्मण समाज के किए जा रहे अपमान पर चर्चा हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि विगत दिनों उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व कैबिनेट मंत्री व समाज सेवी गोरखपुर जनपद के चिल्लुपार विधानसभा से सात बार के विधायक रहे स्वर्गीय पंडित हरिशंकर तिवारी की पैतृक गांव में लगने वाली प्रतिमा को लेकर जो गंदी राजनीति की जा रही है, वो निंदनीय है।
वहां मौजूद बुद्धिजीवियों ने कहा कि उनके पैतृक गांव में लगने वाली प्रतिमा के लिए ग्राम पंचायत द्वारा एक प्रस्ताव बनाकर शासन को दिया गया था, जिसकी स्वीकृति एसडीएम द्वारा मौखिक रूप से ग्राम प्रधान व तिवारी जी के लड़कों को दी गयी थी। इसी आधार पर तिवारी जी के लड़कों द्वारा अपने पैतृक गांव में तिवारी जी की प्रतिमा को बनवाया जा रहा था। उस प्रतिमा का उद्घाटन उनके जन्मदिन 5 अगस्त को होना था, लेकिन भाजपा सरकार ने बदले की भावना से सरकारी बुलडोजर लगाकर अर्ध निर्मित चबूतरे को ध्वस्त करवा दिया।
साथ ही साथ उनके लड़कों को यह कहवा दिया गया कि यह जमीन विवादित है। इस पर प्रतिमा नहीं लगाई जा सकती। अब भाजपा का बुलडोजर दुकान और मकान पर चलता था, लेकिन अब समाज में दिवंगत आत्माओं के मान सम्मान पर भी चलने लगा है। ऐसे घिनौने कार्य के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कि की घोर निंदा की जानी चाहिए।
सपा कार्यालय में कार्यक्रम में चर्चा में सपा के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव के द्वारा मांग की गयी कि ससम्मान स्वर्गीय पंडित हरिशंकर तिवारी की आदम कद प्रतिमा उत्तर प्रदेश सरकार अगर नहीं लगवाती है तो बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जनपद चंदौली के पूर्व सांसद माननीय रामकिशुन यादव, पूर्व ब्लाक प्रमुख बाबूलाल यादव, प्रेम नाथ तिवारी, दरोगा पाठक, कैलाश नाथ तिवारी, संतोष मिश्रा, विकास चौबे, विजय आनंद तिवारी, सदानंद पांडेय, संतोष उपाध्याय, सरोज पाठक, गौरी शंकर तिवारी, राम आश्रम पाठक, संजीव मिश्रा, राकेश तिवारी, मुलायम सिंह यादव, पूर्व ब्लाक प्रमुख नरेंद्र तिवारी, कमलेश यादव सहित ब्राह्मण समाज के लोग उपस्थिति थे।