सांसद वीरेंद्र सिंह ने रक्षा मंत्री से की मुलाकात: चंदौली में 30 एकड़ जमीन पर ECHS अस्पताल बनाने की मांग

 

चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर अलीनगर में रक्षा विभाग की 30 एकड़ खाली जमीन पर ECHS अस्पताल बनाने की मांग दोहराई है। उन्होंने लखनऊ रेफर होने वाले पूर्व सैनिकों की मुश्किलों को दूर करने के लिए विशेष अनुस्मारक पत्र सौंपा।

 
 

30 एकड़ खाली पड़ी जमीन का रक्षा मंत्रालय करे उपयोग

पूर्व सैनिकों के लिए ECHS अस्पताल बनाने की मांग

लखनऊ जाने की मजबूरी से मिलेगी राहत पूर्व सैनिकों को राहत

मोबाइल चिकित्सालय चलाने की भी रखी गयी मांग

अलीनगर थाना क्षेत्र में बन सकता है रक्षा मंत्रालय का बड़ा अस्पताल 

 

टॉप समाजवादी पार्टी के चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह ने पूर्व सैनिकों और रक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों की स्वास्थ्य समस्याओं को केंद्र में रखते हुए दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। सांसद ने अलीनगर थाना क्षेत्र के पास रक्षा विभाग की करीब 30 एकड़ निष्प्रयोजन (खाली) पड़ी भूमि का मुद्दा उठाया। उन्होंने रक्षा मंत्री से मांग की है कि इस विशाल भूखंड पर 'पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना' (ECHS) के तहत एक सर्वसुविधायुक्त अस्पताल का निर्माण कराया जाए। सांसद का तर्क है कि खाली पड़ी इस कीमती जमीन का उपयोग जनहित और सैनिकों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।

लखनऊ जाने की मजबूरी और रेफरल संकट से मुक्ति
सांसद वीरेंद्र सिंह ने रक्षा संबंधी स्थाई समिति की बैठक का हवाला देते हुए बताया कि वर्तमान में चंदौली, वाराणसी और आसपास के जिलों के पूर्व सैनिकों को गंभीर बीमारियों के इलाज में भारी कठिनाई होती है। हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज और किडनी फेलियर जैसी आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को लखनऊ स्थित कमांड अस्पताल या अन्य संस्थानों के लिए रेफर कर दिया जाता है। चंदौली से लखनऊ की दूरी करीब 250 से 300 किलोमीटर है, जिससे न केवल समय की बर्बादी होती है बल्कि मरीज की जान पर भी बन आती है। चंदौली में अस्पताल बनने से पूर्वांचल के हजारों सैनिकों को इलाज के लिए लंबी और जोखिम भरी यात्रा से मुक्ति मिल जाएगी।

मोबाइल चिकित्सालय के वादे पर अब तक प्रगति नहीं
मुलाकात के दौरान वीरेंद्र सिंह ने पुरानी बैठकों का स्मरण कराते हुए कहा कि डायरेक्टर जनरल (ECHS) ने पूर्व में स्वीकार किया था कि चंदौली में बड़ी संख्या में सैन्य परिवार रहते हैं। तब तात्कालिक राहत के तौर पर 'मोबाइल चिकित्सालय' चलाने का भरोसा दिया गया था, लेकिन धरातल पर अभी तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। इसी को लेकर सांसद ने रक्षा मंत्री को एक अनुस्मारक पत्र (Reminder Letter) सौंपा और संबंधित विभाग को तत्काल निर्देशित करने का अनुरोध किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पत्र साझा करते हुए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि वे सैनिकों के हक की आवाज उठाते रहेंगे।

सियासी गलियारों में चर्चा और भविष्य की उम्मीद
सांसद की इस मांग के बाद अब गेंद केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय के पाले में है। हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है। अब देखना यह है कि क्या भाजपा सरकार विपक्षी सांसद वीरेंद्र सिंह की इस जनहितैषी मांग को कितनी प्राथमिकता देती है। यदि अलीनगर की इस जमीन पर अस्पताल का निर्माण होता है, तो यह चंदौली के विकास और सैनिकों के सम्मान में एक मील का पत्थर साबित होगा। स्थानीय पूर्व सैनिक संगठनों ने भी सांसद की इस पहल का स्वागत किया है और जल्द कार्यवाही की उम्मीद जताई है।