नवजात के लिए वरदान बनी NBSU, 118 नवजात शिशुओं का सफल इलाज से बचा चुका है जान
नवजात के लिए वरदान बनी NBSU
118 नवजात शिशुओं का सफल इलाज से बचा चुका है जान
चंदौली जिले के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत पंडित दीनदयाल उपध्याय नगर स्थित राजकीय महिला चिकित्सालय में खोला गया न्यू बोर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू) नवजात के लिये वरदान साबित हो रही है। वर्ष 2021 में सफल उपचार कर इस यूनिट ने 118 शिशुओं की जान बचाई।
राजकीय महिला चिकित्सालय (डीडीयू) में बाल रोग विशेषज्ञ व एनबीएसयू के डॉ. राजेश अगरिया ने बताया कि राजकीय महिला अस्पताल परिसर में ही प्रसव के बाद नवजात की अधिकांश समस्या के हल के लिए करीब 3 वर्ष पूर्व यह यूनिट स्थापित हुई। इस यूनिट में हर माह 10 से 12 बच्चों को भर्ती कर उनका इलाज किया जाता है। जनवरी 2021 से अब तक 118 नवजात शिशुओं का सफल इलाज किया जा चुका है।
डॉ राजेश ने बताया कि इस यूनिट में प्रीमैच्योर बेबी, कम वजन के शिशु, सांस की समस्या वाले शिशु, पीलिया या डायरिया ग्रस्त शिशुओं का इलाज किया जाता है। शिशुओं के इलाज के लिए रेडिएंट वार्मर, फोटो थैरेपी यूनिट, वेंटिलर समेत कई आधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं। प्रशिक्षित नर्स कि देखरेख में शिशु को रखा जाता है। साथ ही नजदीकी सीएचसी पीएचसी से रेफर बच्चों का भी इलाज किया जाता है। अति गंभीर बच्चों को यूनिट में प्राथमिक उपचार के उपरांत पंडित कमला पति त्रिपाठी जिला संयुक्त चिकित्सालय चन्दौली के एसएनसीयू में भी रेफर किया जाता है।
इस यूनिट में अपने नवजात शिशु रानी का उपचार करने वाली रीता देवी ने बताया की उनकी बच्ची का वजन काफी कम था और वह बहुत ज्यादा रो रही थी। जांच हुई ,तो पता चला की बच्ची को पीलिया है। उन्होंने उसे 25 जनवरी 2022 को एनबीएसयू में भर्ती कराया जहां तीन दिन तक रखा गया। तीन दिन में बच्ची पूरी तरह ठीक हो गई। नवजात की माता गीता ने बताया कि बेबी दूध नहीं पी रही थी। 10 जनवरी 2022 को हुई जांच में पता चला की बेबी को पीलिया है। उसे तुरंत एनबीएसयू में भर्ती कर किया। चार दिन में बच्चा स्वस्थ हो गया।