कोरोना वैक्सीनेशन के काम को ठेंगे पर रखते हैं शहाबगंज PHC के लोग, देख लीजिए नमूना
शहाबगंज PHC के लोग कर रहे लापरवाही
देख लीजिए नमूना
चंदौली जिले के जिलाधिकारी समेत आलाधिकारी भले ही कोरोना वैक्सीनेशन के लिए अतिरिक्त प्रयास करके अच्छा परिणाम लाने की नसीहत दे रहे हों, पर कई स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी अपने मनमाने स्टाइल में काम करते हैं। काम करना तो दूर वह बैठकों में आना उचित नहीं समझते हैं, तभी उनके खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है।
शहाबगंज ब्लॉक में कोविड वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पूरा करने को लेकर रविवार को शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई बैठक में दो चिकित्साधिकारी समेत 11 स्वास्थ्य कर्मियों अनुपस्थित रहे। जिसपर चिकित्सा अधीक्षक ने उनका वेतन काटने का निर्देश दिया। इसमें मानदेय पर कार्यरत चार संविदा कर्मी भी शामिल हैं। इस कार्रवाई से स्वास्थ्य कर्मचारियों में खलबली मची है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शहाबगंज में क्षेत्र के सभी चिकित्साधिकारी व स्वास्थ्य कर्मियों की बैठक हुई थी। इसके लिए बाकायदा प्रभारी चिकित्साधिकारी ने निर्देश जारी किया था, लेकिन दो आयुष चिकित्साधिकारी, नेत्र सहायक (संविदा) व आठ एएनएम बैठक से नदारद रहीं। कोविड टीकाकरण में आवश्यक सुधार के बाबत विस्तार से चर्चा की गई। अधिकांश चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित थे।
कुछ चिकित्सक व कर्मचारी विलंब से पहुंचे तो उन्हें हिदायत देकर बैठक में उपस्थित होने की अनुमति दी गई, लेकिन चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय की ओर से निर्देश के बावजूद चिकित्साधिकारी डॉ. एके श्रीवास्तव, डाक्टर विनोद कुमार सहित एएनएम सुमन सोनकर, पूनम भारती, सावित्री देवी, आशा, इंद्रावती, चंदा, कौशिल्या व प्रिशु सिंह अनुपस्थित रहीं। नेत्र सहायक रजनीश कुमार कौशल भी बैठक से गायब रहे।
कार्य के प्रति उदासीनता बरतने पर चिकित्सा अधीक्षक ने अनुपस्थित चिकित्सकों, एएनएम व नेत्र सहायक का बैठक दिवस का वेतन काटने की कार्रवाई की। इसके साथ ही इनको भविष्य में दोबारा ऐसी गलती नहीं करने की चेतावनी दी गई है।