रोहिताश हत्याकांड : अब तक शूटरों को पकड़ने में फेल हैं 9 टीमें,  साजिशकर्ताओं को जेल भेज कर खानापूर्ति की कोशिश

चंदौली जिले में दवा व्यापारी रोहिताश पाल की हत्या को 15 दिन से भी ज्यादा होने जा रहे हैं, लेकिन पुलिस अब तक शूटरों तक नहीं पहुंच सकी है। एसओजी और सर्विलांस की 9 टीमें गठित होने के बावजूद केवल तीन साजिशकर्ताओं को जेल भेजा गया है। व्यापारियों और परिवार में आक्रोश है, जबकि पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

 

चंदौली रोहिताश पाल हत्याकांड


 पुलिस शूटरों तक नाकाम


 रोहिताश हत्या जांच अपडेट


 व्यापारियों का आक्रोश चंदौली


 एडीजी डीआईजी जांच रोहिताश केस
 

चंदौली जिले के मुगलसराय में पॉपुलर मेडिकल स्टोर संचालक एवं केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जिला महामंत्री रोहिताश पाल की हत्या को 15 दिन बीत चुके हैं। 18 नवंबर की रात बदमाशों ने शहर के बीच गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। घटना के बाद से ही पुलिस शूटरों तक पहुंचने में नाकाम रही है।

जांच के लिए गठित की गयी हैं 9 टीमें
पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एसओजी और सर्विलांस सहित कुल 9 टीमें गठित की हैं। लेकिन अब तक केवल तीन साजिशकर्ताओं को जेल भेजा गया है। सवाल यह है कि जब साजिशकर्ता जेल में हैं, तो शूटर कहां हैं? पुलिस फिलहाल कैमरों की पड़ताल में ही जुटी हुई है।

व्यापारियों और जनता में आक्रोश
रोहिताश पाल की हत्या के बाद व्यापारियों में आक्रोश फैल गया था। घटना के बाद व्यापारी सड़क पर उतर आए और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए। नगर के व्यापारियों से लेकर आम जनता तक हर कोई इस मामले में पुलिस की नाकामी से नाराज है। हत्या का तार कन्हैया टाकिज स्थित पुश्तैनी संपत्ति से जोड़ा जा रहा है।

नेताओं का कई दिनों तक था जमावड़ा
घटना के बाद सत्ता और विपक्ष दोनों दलों के नेताओं का जमावड़ा रोहिताश पाल के घर पर लगा। पूर्व सांसद व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय, राज्यसभा सदस्य साधना सिंह, विधायक सुशील सिंह, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल, विधान परिषद नेता विरोधी दल लाल विहारी यादव, सांसद वीरेंद्र सिंह, विधायक प्रभु नारायण यादव, पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू सहित कई नेता पहुंचे। सभी ने परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

परिवार की उम्मीदें टूटती हुई
परिवार के लोग अब पुलिस की कार्यशैली से निराश हो चुके हैं। लगातार आश्वासन मिलने के बावजूद शूटरों तक पुलिस की पहुंच न होना परिवार की उम्मीदों पर पानी फेर रहा है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रदेश संगठन मंत्री राजकुमार जायसवाल ने कहा कि पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

एडीजी और डीआईजी की पड़ताल भी फेल
घटना के चौथे दिन अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन पीयूष मोडिया और पुलिस उपमहानिरीक्षक वैभव कृष्ण ने पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने धर्मशाला रोड से पोस्ट ऑफिस तक पैदल जाकर हत्यारों के भागने के रास्ते की पड़ताल की। बावजूद इसके अब तक शूटरों तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है।

कोतवाली पुलिस पर उठ रहे सवाल
पुलिस की नाकामी को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जब साजिशकर्ताओं को जेल भेजा जा चुका है, तो शूटरों तक पहुंचने में इतनी देर क्यों हो रही है? व्यापारियों और जनता का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। पुलिस क्षेत्राधिकारी कृष्ण मुरारी शमां ने दावा किया है कि जल्द ही मामले का राजफाश किया जाएगा।

रोहिताश पाल हत्याकांड ने चंदौली जिले में कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 15 दिन बाद भी शूटरों का सुराग न मिलना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान है। व्यापारियों और परिवार का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब देखना होगा कि पुलिस कब तक इस मामले का खुलासा कर पाती है और पीड़ित परिवार को न्याय दिला पाती है।