चंदौली में बढ़ने लगे बारिश के आसार, ऐसा है अगले 3 दिनों के लिए मौसम का अनुमान
 

जानकारी के अनुसार चंदौली जिले व आसपास के जिले में 28 से 30 दिसंबर तक बारिश की आशंका है। इससे किसानों की चिंता बढ़नी स्वाभाविक है। 
 

28 से 30 दिसंबर तक बारिश की आशंका

हल्के हल्के कोहरे का प्रकोप भी शुरू 
 

चंदौली जिले में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मौसम बिगड़ने की संभावना जतायी जा रही है। जानकारी के अनुसार चंदौली जिले व आसपास के जिले में 28 से 30 दिसंबर तक बारिश की आशंका है। इससे किसानों की चिंता बढ़नी स्वाभाविक है। 

मौसम विभाग के सूत्रों ने मौसम की जानकारी देते हुए हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया है। इससे एक ओर जहां तापमान में भी गिरावट आएगी तो वहीं ठंड और शीतलहर का असर बढ़ेगा। कुछ इलाकों में हल्के हल्के कोहरे का प्रकोप भी शुरू हो गया है। इससे वाहनों की रफ्तार में कमी आने लगी है। 

अगले दो-तीन दिनों में बारिश की आशंका से जनपद के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी हैं। अभी तक चंदौली जिले के अधिकांश किसानों का धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है और उनका धान बिका नहीं तो बारिश में भींगकर खराब हो सकता है।

अभी पिछले दो दिनों तक पहले मौसम बिल्कुल साफ था। वहीं शीतलहर और कड़ाके की ठंड से जनजीवन बेहाल होने लगा है। हालांकि पश्चिमी विक्षोभ बनने से मौसम में परिवर्तन आया है। रविवार को आसमान में हल्के बादल छाए रहे। इससे धूप भी आती जाती रही। हालांकि, पुरवा हवा के चलने से तापमान बढ़ने की संभावना है। इससे लोगों को ठंड से राहत मिल सकती है। 

 

आने वाले 48 घंटे में तापमान में तीन-चार डिग्री बढ़ोतरी के आसार हैं। रविवार का न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री और अधिकतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम  आर्दता 51 फीसदी रही। शनिवार की रात व रविवार की सुबह कोहरा का प्रकोप देखने को मिला। 

मौसम विभाग ने कृषि प्रधान जनपद में 28 से 30 दिसंबर के मध्य हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया है। गरज-चमक के साथ बारिश होगी। इससे कोहरा का प्रभाव कम होगा, लेकिन ठंड और गलन बढ़ सकती है। बारिश से सबसे अधिक नुकसान किसानों को झेलना पड़ेगा। किसानों का अनाज अभी खुले आसमान के नीचे पड़ा है। ऐसे में अनाज के भींगकर खराब होने का खतरा बढ़ गया है। अनाज भींग गया तो क्रय केंद्र पर बेचना मुश्किल हो जाएगा। 

कृषि मौसम विज्ञानी पश्चिमी विक्षोभ की वजह से जिले में तीन दिन बारिश हो सकती है। ऐसे में किसान सावधानी बरतने व अपनी धान की फसल की सुरक्षित स्थान पर रखने की बात कह रहे हैं।