अब सुप्रीम कोर्ट जाएगा बृजेश सिंह का फैसला, दिनेश यादव ने कर दिया ऐलान
अप्रैल 1986 में हुआ था सिकरौरा नरसंहार
एक ही परिवार के 7 लोगों की हो गयी थी हत्या
पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह सहित 15 लोगों के खिलाफ दर्ज था मामला
पूर्व एमएलसी व माफिया डॉन बृजेश सिंह हो गए हैं बरी
चंदौली जिले के बलुआ थाना क्षेत्र के सिकरौरा गांव में 37 साल पहले हुए जमीन और प्रधानी के विवाद में एक ही परिवार के 7 लोगों की हत्या हुई थी। मामले में पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह सहित 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। पीड़ित की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल अपील खारिज होने के बाद पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह को बड़ी राहत मिली है। वहीं पीड़ित की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल अपील खारिज होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट जाने की की तैयारी है। पीड़ित परिवार के दिनेश यादव ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
आपको बता दें कि सिकरौरा गांव के रामचंद्र यादव और उसी गांव के पंचम सिंह के बीच जमीन विवाद और प्रधानी को लेकर काफी पुरानी अदावत चल रही थी। 9 अप्रैल 1986 की रात करीब 11 बजे रामचंद्र यादव के घर बदमाशों ने हमला कर 7 लोगों को हत्या कर दी थी।
घटना में रामचंद्र व उनके भाई रामजनम यादव, सियाराम यादव के अलावा रामचंद्र के चार बेटों प्रमोद, मदन, उमेश, टुनटुन की निर्मम हत्या से इलाके में हड़कंप मच गया था। रामजन्म के तीन बेटे दिनेश यादव, मनोज यादव और संतोष की जान किसी तरह बच गई थी, जबकि रामजन्म की बेटी शारदा और भांजी गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
इस मामले में पंचम सिंह, पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह सहित कुल 15 लोगों को बलुआ पुलिस ने आरोपी बनाया था। इसमें चार नामजद च अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। हालांकि पुलिस ने निचली अदालत और हाईकोर्ट में कोई ऐसा सबूत व गवाह नहीं पेश कर पायी जिससे पूर्व एमएलसी व माफिया डॉन बृजेश सिंह को सजा हो पाए। इसीलिए वह सबूत के अभाव में सारे आरोपों से बरी हो गए।