नौगढ़ के इन बाढ़ प्रभावित गांव का हाल देख लीजिए डीएम साहब, कैसे कट रहा है जीवन  

 

चंदौली जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में बाढ़ से कई गांव का हाल बेहाल हैं। बंधी के पानी से घिरे कई गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि नौगढ़ के इन गांव में बिजली, पानी और स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं एकदम से ठप हो गई हैं, जिसके अभाव में लोग काफी परेशान दिख रहे हैं ।  

नक्सल प्रभावित नौगढ़ विकास खंड क्षेत्र के चार गांव होरिला, धोबहीं, सेमर, साधोपुर बारिश और बंधी के पानी से घिरे हैं। इन गांवों में बिजली, पानी के साथ स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। स्थिति यह है कि गांव के लोगों को जरूरी कार्य से बाहर जाना है तो नाव या ट्रक का ट्यूब ही सहारा है। गांव की छात्राएं पानी की वजह से अब स्कूल नहीं जा पा रही हैं।

आपको बता दें कि दस दिन पूर्व बारिश के चलते करैलवा बंधी का तटबंध टूट गया था। इससे एक दर्जन गांव पानी से घिर गए थे। सात गांवों का पानी सड़क काटकर निकाल दिया गया लेकिन चार गांवों में चारों ओर पानी लगा है। घरों में पानी न पहुंचे इसके लिए ग्रामीणों ने अपने दरवाजे पर डांड मेड़ बांध दी है। घर से बाहर निकलते ही सिर तक पानी लगा है। पानी लगने के कारण इन गांवों में संक्रामक रोग भी पांव पसार रहा है। स्वच्छ पेयजल न मिलने के कारण लोग डायरिया से ग्रसित हो रहे हैं। खान-पान का सामान लेने के लिए उन्हें घर से बाहर निकलने के लिए या तो नाव का सहारा लेना पड़ रहा या ट्रकों की दो ट्यूब आपस में बांधकर उस पर लकड़ी का पटरा रखकर सड़कों पर आ रहे और घरेलू सामान खरीदकर ले जा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग की टीम भी नाव आदि से गांवों में पहुंची, जरूरी दवाएं बांटकर लौट आई लेकिन मौजूदा समय में स्थिति बेहद विकट हो गई है। अभी तक गांव से जल निकासी का कोई इंतजाम नहीं हो सका है। गांव की अनुसूचित जाति बस्ती में आधा दर्जन लोगों के कच्चे घर गिर चुके हैं। सूचना के बाद भी तहसील प्रशासन वहां नहीं पहुंच सका। ऐसी स्थिति में ग्रामीण नारकीय जीवन जी रहे हैं।  

इस मामले में एसडीएम डाक्टर अतुल गुप्ता ने कहा कि गांव में लगे पानी को निकालने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। कुछ सड़कें काटी गई हैं, ताकि पानी ढलान की ओर चला जाए। स्वास्थ्य सेवाएं जारी रखने को स्थानीय सीएचसी प्रभारी को निर्देश दिया गया है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों की मदद की जाएगी।