घूस लेने के आरोप में सुधीर कुमार आर्या गए जेल, जानिए इनका इतिहास
जीआरपी व पूर्वाचल के कई जिले के महत्वपूर्ण थानों का संभाल चुके है कमान
दरोगा को नहीं मिली जमानत
भ्रष्टाचार निवारण संगठन के न्यायाधीश ने जमानत नामंजूर कर दिया
चंदौली जिले के चकरघट्टा थाना प्रभारी निरीक्षक रहे सुधीर कुमार आर्या जीआरपी व पूर्वाचल के कई जिले के महत्वपूर्ण थानों का कमान संभाल चुके हैं। वहीं घूस लेने के मामले में आरोप सही पाए जाने पर विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं कोर्ट में पेश करने के बाद दरोगा को जमानत नहीं मिल पायी। भ्रष्टाचार निवारण संगठन के न्यायाधीश ने जमानत को नामंजूर करके जेल भेज दिया है।
आपको बता दें कि 22 नवंबर 2023 को चंदौली जनपद में इनकी आमद हुई थी और कुछ दिनों के बाद ही वह नक्सल इलाके के चकरघट्टा थाने का प्रभारी बनाया गया। वहां पर पशु तस्करी व अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी के कारोबार पर नजर रखने के लिए कारखास तैयार रखे थे, जो ऐसे मामलों में पकड़ने व छोड़ने के नाम पर डीलिंग व सेटिंग करते थे। इसी तरह की हरकत का खुलासा एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद हो गया। जिसमें सबसे पहले सिपाही पर मुकदमा दर्ज हुआ तो साहब ने मेहरबानी करते हुए न सिर्फ मुकदमा दर्ज करने की जानकारी दी, बल्कि भगाने में भी भरपूर मदद की। तभी तो मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस उसे पकड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी।
सूत्रों की माने तो आला अधिकारियों ने फरार सिपाही को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार आर्या को एक मौका दिया था, लेकिन वह उसमें फेल रहे, जिसके बाद कप्तान ने मामले की जांच सीओ चकिया से करवाने के बाद उनकी मिलीभगत सामने आने पर गिरफ्तार करवाकर जेल भेज दिया।
आपने देखा होगा कि बीते छह अप्रैल को आडियो क्लीप वायरल होने के बाद सुधीर कुमार आर्यों सुर्खियों में आ गये। इस दौरान जांच के बाद घूस लेने की कोशिश का आरोप सही पाये जाने पर अंततः जेल भेज दिये गये।
ऐसा रहा है कार्यक्षेत्र
सुधीर कुमार आर्यों बीते 2007 से लंबे समय तक पीडीडीयू जीआरपी में उपनिरीक्षक के पद पर रहे। इसके बाद मडुआडीह जीआरपी थाने पर प्रभारी रह चुके हैं। इसके बाद जौनपुर जिले के कई थानों पर प्रभारी निरीक्षक के पद तैनात रहे।