अब ऐसे बनेंगे आपके राशन कार्ड, नहीं लगाना पड़ेगा किसी अधिकारी के ऑफिस का चक्कर

 


प्रदेश सरकार की पहल पर अब चंदौली जिले में भी राशन कार्ड बनवाने के नियम व प्रक्रियाओं में शासन ने बदलाव करते हुए कार्यालयों की दौड़भाग को खत्म करने का प्लान बनाया है। अब राशन कार्ड ऑनलाइन ही बनाए जाएंगे। पुरानी प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सरकार ने अफसरों को संबंधित जानकारी दे दी है।

कहा जा रहा है कि अब आवेदनकर्ताओं को सरकारी दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। तीन विभागों की कार्रवाई का पेंच भी नहीं फंसेगा और न ही किसी अधिकारी की बहानेबाजी चलेगी। ऑफलाइन की बजाय ईओ व बीडीओ को ऑनलाइन आवेदन पत्र भेजे जाएंगे और उनको तत्काल कार्रवाई करनी होगी। इनको हर हालत में एक सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट लगानी होगी। इसके बाद पूर्ति विभाग राशन कार्ड बनाने पर अंतिम मुहर लगाएगा। 

अपर मुख्य सचिव खाद्य व रसद वीना कुमारी मीना ने इस बाबत जिलाधिकारी व जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिया है। 

नए राशन कार्ड के लिए जन सेवा केंद्र के माध्यम से आनलाइन आवेदन कराया जाएगा। आवेदन प्रपत्रों पर आवेदक का स्व-हस्ताक्षरित अभिलेख की एक पीडीएफ फाइल अपलोड करनी होगी। इसके बाद आने वाली ओटीपी का सत्यापन होने पर आवेदन प्रमाणित होगा। यह आवेदन सीधे डीएसओ के पास पहुंचेगा। आवेदन के साथ लाभार्थी को मोबाइल फोन नंबर, परिवार के मुखिया व सभी सदस्यों के आधार कार्ड की छायाप्रति, मुखिया की फोटो, बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की छायाप्रति लगानी होगी। 

दरअसल, पहले पूरे प्रदेश में राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया जटिल थी। आवेदक ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया तो पूरी करता था लेकिन डीएसओ कार्यालय से ऑफलाइन निकालकर उसे ईओ व बीडीओ के पास भेजा जाता था। यहां आवेदनकर्ताओं को परेशानी उठानी पड़ती थी। आवेदन आया नहीं, जांच नहीं हो पाई है। इस तरह की बहानेबाजी कर्मचारी व अधिकारी करते थे। आवेदक दफ्तरों का चक्कर लगाते हार-थक कर शांत हो जाता था। नई व्यवस्था में ऐसा नहीं होगा।

आवेदक जिस जन सेवा केंद्र से राशन कार्ड के लिए आवेदन करेगा, उसका ब्योरा संचालक को भी रखना होगा। किसी समय उनसे यह मांगा जा सकता है। आवेदनकर्ता से अधिक वसूली की शिकायत मिली तो सीएससी संचालक पर कार्रवाई होगी। व्यवस्था की निगरानी की जिम्मेदारी ई-डिस्ट्रिक मैनेजर को दी गई है।

चंदौली जिले के जिला आपूर्ति अफसर देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शासन ने व्यवस्था में बदलाव किया है। पहले ऑफलाइन आवेदन निकायों व ब्लाकों को भेजे जाते थे लेकिन अब सब कुछ ऑनलाइन भेजे जाएंगे। सात दिन के अंदर ही जांच की प्रक्रिया संबंधित अधिकारी पूरी करेंगे। इससे सभी को अवगत करा दिया गया है।