श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से अमरत्व की होती है प्राप्ति : स्वामी सुन्दर राज महराज
 

श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराते हुए पूज्यनीय श्री त्रिडण्डी स्वामी जी  के शिष्य स्वामी सुन्दर राज महराज जी  ने कहा कि आत्मा रुपी दही को मथने से ज्ञान की प्राप्ति होती है
 

श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से अमरत्व की होती है प्राप्ति

स्वामी सुन्दर राज महराज
 

चंदौली जिले के स्थानीय कस्बा स्थित खंडवारी चहनिया मां खंडवारी देवी इंटर कालेज खेल मैदान में श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा के दुसरे दिन सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराते हुए पूज्यनीय श्री त्रिडण्डी स्वामी जी  के शिष्य स्वामी सुन्दर राज महराज जी  ने कहा कि आत्मा रुपी दही को मथने से ज्ञान की प्राप्ति होती है उसी तरह श्रीमद् भागवत कथा को श्रवण करने से अमरत्व की प्राप्ति होती है । इस लिये साधक को कर्म, धर्म, भक्ति में परिपूर्ण होना चाहिए।जब पुत्र कुपुत्र हों जाता है और माता-पिता  का तिरष्कार करता है तव वह अपने पूर्व में किये गये कर्मो व गलत संस्कार से ग्रसित मानसिकता से परिपूर्ण होता है । अच्छे संस्कार अच्छे कर्म से प्राप्त होता है। आस्था भगवान में होनी चाहिए। श्रीमद्भागवत कथा सुनने से लोगों को ज्ञान प्राप्त होता है। काम, क्रोध, मोह छोड़ इश्वर के लिए थोड़ा बहुत समय निकालना चाहिए।


उन्हें ने कहा कि जो मानव भक्ति, भाव से भगवान को जपता है वह मानव अमरत्व एवं सुख वैभव को प्राप्त करता है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश अर्जुन से पहले दुर्योधन को सुनाया था। किंतु समझ में केवल अर्जुन को आया। नतीजा क्या हुआ दुर्योधन का विनाश हुआ।

कथा के अंत में "गोकर्णो वादन्याय" की कथा सुनाते कहा कि धर्म स्वतंत्र रुप से गोकर्ण जी के अमृत वोध का सुचक है, विना धर्म-कर्म और सेवा के विना मानव का जीवन अधूरा है।अंत में हर - हर महादेव का उद्घघोस के साथ भगवान श्री राधे कृष्णा जी की महाआरती करते हुए हुए कथा रस पान कर रहे श्रोताओं को महाप्रसाद वितरण किया गया।अंत में आयोजको द्वारा दुर दराज से आये हुए श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।


इस अवसर पर रामविलास गुप्ता, सरिद्वार यादव, डॉ राजेन्द्र प्रताप सिंह, मोतीलाल अग्रहरि, एडवोकेट योगेन्द्र मिश्रा, डॉ अजय सिंह, डॉ विन्धाचल त्रिपाठी, किरन मिश्रा,लिला देवी, जगवन्ता देवी, अजय गुप्ता, पिंकी गुप्ता सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।