स्टील पुल को बचाना है तो ओवरलोडिंग रोकिए साहब, नहीं तो फिर से लगेगा….

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के नौबतपुर स्थित कर्मनाशा नदी पर फ्लाईओवर पुल टूटने के बाद से लोगों को होने वाली परेशानी से जल्द खत्म होने वाली नहीं दिख रही है। पहले डाइवर्जन पुल और अब स्टील वाले पुल से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद थी, पर तकनीकि कारणों से स्टील वाले पुल पर यातायात रोक दिया
 

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चंदौली जिले के नौबतपुर स्थित कर्मनाशा नदी पर फ्लाईओवर पुल टूटने के बाद से लोगों को होने वाली परेशानी से जल्द खत्म होने वाली नहीं दिख रही है। पहले डाइवर्जन पुल और अब स्टील वाले पुल से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद थी, पर तकनीकि कारणों से स्टील वाले पुल पर यातायात रोक दिया गया है।

लोगों का कहना है कि 13 करोड़ की लागत से नवनिर्मित स्टील के पुल पर 12 जुलाई को बिहार से यूपी आने वाले वाहनों के लिए शुरू किया गया था तो आशा थी कि कर्मनाशा की बाढ़ से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन पुल पर ओवरलोड वाहनों के धड़ल्ले से परिचालन को देखते हुए एनएचएआई ने सोमवार की रात करीब 10 बजे से पुल पर परिचालन ठप कर दिया। इससे वाहनों के खड़ा होने से बिहार के मोहनिया से लेकर चंदौली के अलीनगर तक हाइवे पर 15 घंटे तक तकरीबन 50 किमी लंबा जाम लग गया।

इसके बाद में बिहार के कैमूर जिला प्रशासन के सहयोग से ओवरलोड वाहनों को रोकने के बाद दिन में लगभग तीन बजे पुल को फिर से चालू किया गया।

इधर एनएचएआई के टेक्निकल मैनेजर नागेश सिंह ने बताया कि स्टील पुल चालू करने से पहले ही बिहार के कैमूर प्रशासन से ओवरलोड वाहनों पर रोक के लिए आग्रह किया गया था। लेकिन इस स्टील के पुल पर बिहार प्रशासन का कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है।

मंगलवार को दोपहर बाद बिहार के कैमूर जिला प्रशासन ने इसके बाद तेजी दिखाई और बिहार से यूपी के लिए घुसने वाले ओवरलोड वाहनों को पांच किमी पहले ही रोकना शुरू किया तब जाकर पुल को फिर से आवागमन के लिए खोल दिया गया है। वहीं नदी पर बने ब्रिटिश काल के पुल पर वाहनों के आड़े तिरछे खड़ा होने से यूपी से बिहार जाने वाली लेन भी पूरी तरह से जाम हो गयी थी। स्टील पुल चालू होने से इस लेन पर शाम सात बजे तक आवागमन सामान्य हो गया।

कहा जा रहा है कि स्टील पुल की क्षमता 50 टन की है। जबकि ट्रक 80 से 90 टन माल और बालू लादकर पार हो रहे थे। ऐसे में स्टील के बने नए पुल पर ओवरलोड वाहनों के चलने से पुल कभी भी बैठ सकता था। इसे देखते हुए पुल पर वाहनों का परिचालन बंद करा दिया गया था। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दे दी गयी थी। इसके बाद भी ओवर लोड वाहन चलने लगे थे।

ओवरलोडिंग के कारण कर्मनाशा नदी पर नवनिर्मित स्टील पुल का एप्रोच मार्ग भी धंस गया। जिससे वाहनों को पुल पर जाने में परेशानी हो रही है। वाहनों के दबाव और नया एप्रोच मार्ग बारिश में धंस गया। एनएचएआई के टेक्निकल मैनेजर नागेश सिंह ने कहा कि ओवरलोड वाहनों पर बिहार सरकार ने प्रतिबंध नहीं लगाया तो पुल के साथ सड़क और एप्रोच मार्ग भी ध्वस्त हो जाएगा।