पेंशनर्स कल्याण समिति ने विभिन्न मांगों को लेकर दिया धरना
चंदौली जिले में संयुक्त पेंशनर्स कल्याण समिति ने मंगलवार को विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना दिया। अपनी एका के नारे लगाए, सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित पत्रक प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा सेवा पूरी होने के बाद पेंशन न कोई इनाम है और न ही नियोक्ता द्वारा मनमर्जी से दी गई खैरात। यह अनुग्रह राशि भी नहीं है। यह पूर्व में की गई सेवाओं का भुगतान है। सरकार इसका ध्यान रखे।
वक्ताओं ने कहा सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार पेंशन के संबंध में सरकार को निर्देशित भी किया है, इसके बाद भी पेंशनधारकों की उपेक्षा की जा रही है। उन्हें एक जनवरी 20 से 20 मई 20 के मध्यम देय महंगाई राहत में एरियर दिया जाए। जुलाई 21 से तीन फीसद की दर से देय अतिरिक्त महंगाई भत्ता मिले। पेंशन प्रणाली समाप्त हो और पुरानी व्यवस्था लागू हो। पेंशनधारकों को दीनदयाल कैशलेस चिकित्सा की सुविधा दी जाए। परिवहन निगम की बसों में उन्हें किराए में छूट मिलनी चाहिए। 65, 70 व 75 वर्ष की आयु पर पेंशन में पांच दस व 15 फीसद की वृद्धि की जाए। पेंशन राशिकृत धनराशि की बहाली 15 वर्ष के स्थान पर 12 वर्ष हो।
वक्ताओं ने कहा एक जनवरी 2006 के पूर्व सेवानिवृत्त पेंशनर्स को 33 वर्ष की सेवा न होने पर भी पूरी पेंशन मिलनी चाहिए। अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा पुत्री, विधवा पुत्र वधु का नाम पीपीओ में पारिवारिक पेंशनर की भांति अंकित हो।
इस दौरान मुख्य रूप से रामदल सिंह, दीनानाथ शर्मा, केएन सिंह, नंदलाल सिंह, चंद्रिका शर्मा, कैलाश शर्मा, बजरंगी, राजनाथ, हरिशंकर मिश्र आदि लोगों ने धरना देकर आक्रोश व्यक्त किया थे।