साहब मेरी बीवी को घर लाने में मदद करो..दिलवा दो एक पास
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चंदौली जिले में लॉकडाउन में घरों में कैद लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कई लोगों का परिजनों से साथ छूट गया है तो अन्य तरीके की परेशानी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में लोग आला अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं।
ऐसा ही मामला रविवार को अपर जिलाधिकारी के सामने आया। युवक ने एडीएम को फोनकर मायके गई बीवी को वापस लाने के लिए पास देने की गुहार लगाई। इसके लिए बाकायदा ऑनलाइन आवेदन भी किया, लेकिन गंभीर मामला न होने की वजह से एडीएम ने आवेदन को नजरअंदाज कर दिया।
लॉकडाउन में पशुओं का चारा लाने को पशुपालक, दुकान का सामान लाने को दुकानदारों व किसानों व कृषि यंत्रों के संचालन के लिए जिला प्रशासन की ओर से पास जारी किया जा रहा है। आमजन भी जरूरी कार्यवश पास के लिए आवेदन कर रहे हैं। जायज मामला होने पर पास निर्गत किए जा रहे हैं, लेकिन कई लोग लॉकडाउन में परिजनों से दूर होने की समस्या बताते हुए उनसे मिलने जाने के लिए पास की मांग कर रहे हैं।
जनपदवासी युवक ने अपने आवेदन में मायके गई बीवी को वापस लाने के लिए पास बनाने की मांग की थी। तर्क दिया था कि लॉकडाउन से पहले बीवी मायके चली गई। तीन साल की बेटी भी उसके साथ है। बीवी व बेटी का रोज फोन आता है। बेटी मिलने के लिए जिद करती है और रोती है। ऐसे में मानवता के नाते जिला प्रशासन को पास जारी करना चाहिए ताकि गैर जनपद जाकर बीवी व बेटी को वापस ला सके।
हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों को युवक की मांग जायज नहीं लगी। ऐसे में पास देने से इन्कार कर दिया। अपर जिलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि युवक की ओर से बीवी को मायके से वापस लाने को पास जारी करने के लिए आवेदन किया गया था। जिले में ऐसे तमाम मामले हैं। यदि एक व्यक्ति को पास जारी कर दिया गया तो अन्य लोग इसको नजीर बनाते हुए आवेदन करने लगेंगे।
बताया कि चंदौली ही नहीं, बल्कि गैर जनपद से भी मदद के लिए लोगों के मेरे सीयूजी नंबर पर फोन आते हैं। उन्हें संबंधित जनपद के अधिकारियों के नंबर उपलब्ध कराकर फोन करने की सलाह दी जाती है। जिला प्रशासन जरूरतमंदों की हरसंभव मदद के लिए तैयार है।