चंदौली के इन 3 ब्लॉकों में नमामि गंगे परियोजना के तहत मिलेगा खास मौका, उठा सकते हैं लाभ  

 

चंदौली जिले में गंगा के किनारे रहने वाले गांव के लोगों के पास एक सुनहरा अवसर है। वह उद्यान विभाग की मदद से नमामि गंगे परियोजना के तहत चलाई जा रही योजना में गंगा के किनारे पौधारोपण करके लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए सरकार प्रोत्साहन राशि दे रही है। यह सुविधा चंदौली जिले के 3 ब्लाकों में उपलब्ध होगी।

बताया जा रहा है कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों के लिए भारत सरकार की महात्वाकांक्षी योजना नमामि गंगे का शुभारम्भ किया गया है। इसके तहत चंदौली जिले में 50 हेक्टेयर में बागरोपण व एक हेक्टेयर में पौधशाला स्थापित करने का लक्ष्य दिया गया है। इससे एक ओर जहां गंगा के किनारे हरियाली को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी वहीं गंगा कटान की समस्या से भी मुक्ति मिलने की बात कही जा रही है।

विभागीय अधिकारी ने बताया कि योजना का आच्छादन गंगा के तटवर्ती विकास खंडों नियामताबाद, चहनियां और धानापुर में किया जाएगा। यह इन तीन विकास खंडों के किसानों के लिए सुनहरा अवसर है । वह इस योजना का लाभ उठाकर लाभान्वित हो सकते हैं।

गंगा बेसिन में चिह्नित ग्राम पंचायतों में उपयुक्त भूमि पर स्थानीय उपयोग के लिए पौध उत्पादन के प्रोत्सहान के लिए नर्सरी स्थापना करायी जाएगी। इसके लिए 7.50 लाख का अनुदान उद्यान विभाग की ओर से दिया जाएगा। नवीन उद्यान रोपण के लिए प्रति कृषक न्यूनतम 0.20 हेक्टेयर से अधिकतम एक हेक्टेयर सीमा तक किसान की ओर से स्वयं के व्यय से बागरोपण का कार्य किया जाएगा। लाभार्थी के बाग का प्रत्येक तीन माह में सत्यापन किया जाएगा। वहीं पौधों की जीवितता मानक के अनुसार पाए जाने पर तीन हजार रुपया हर माह प्रति हेक्टेयर की दर से 8 माह तक प्रोत्साहन राशि खाते में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी। योजना का क्रियान्वयन सफलतापूर्वक किए जाने पर कुल 36 माह तक प्रोत्सहन राशि के भुगतान का प्राविधान किया जाएगा।

चंदौली जिले की जिला उद्यान अधिकारी अलका श्रीवास्तव ने बताया कि भारत सरकार की महात्वाकांक्षी योजना नमामि गंगे का शुभारम्भ किया गया है। इस योजना के तहत जिले में गंगा के किनारे के ग्राम पंचायतों 50 हेक्टेयर में बागरोपण व एक हेक्टेयर में पौधशाला स्थापित करने का लक्ष्य दिया गया है। चंदौली जनपद के किसान इसका लाभ उठा सकते हैं और अपने इलाके में पौधारोपण करते हुए बाग लगा सकते हैं।