चंदौली-सकलडीहा-चहनिया रोड पर गिरने लगी है गिट्टी, देखिए कब शुरू होता है काम
कहते हैं कि अगर राजनेता किसी समस्या का समाधान चाहें तो तत्काल हो सकता है और न चाहें तो कई सालों तक पड़ी रहती है। कुछ ऐसा ही चंदौली-सकलडीहा-चहनिया-सैदपुर मार्ग का है। अब इस सड़क पर समाजवादी पार्टी के सकलडीहा विधायक के आंदोलन का रंग दिखने लगा है। पर लोगों को भरोसा कम ही है कि यह सड़क जल्द बननी शुरू हो पाएगी।
आप तस्वीरों व वीडियो में देख सकते हैं कि चन्दौली जनपद के सकलडीहा सैदपुर मार्ग पर गड्ढों को भरने के लिए गिट्टी के गिराने का कार्य प्रारम्भ हो गया है। सड़क के मरम्मत से स्थानीय लोगों में हर्ष है।
आपको बता दें कि मंगलवार को सपा के सकलडीहा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव के नेतृत्व में सैकड़ों समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सकलडीहा तहसील परिसर में एसडीएम कार्यालय के बाहर सड़क निर्माण को लेकर धरने पर बैठे थे। जैसे जैसे समय ढलता गया वैसे वैसे धरना के बढ़ाने का क्रम जारी रहा। शाम होते-होते समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से कह दिया कि अब जब तक सड़क पर काम नहीं लगेगा तब तक यह धरना अनिश्चितकालीन जारी रहेगा।
इसको देखते हुए आनन-फानन में एसडीएम सकलडीहा अजय कुमार मिश्रा व एक्सईएन पीडब्ल्यूडी तत्काल आंदोलन को उग्र होते देख सड़क पर गिट्टी गिरने का क्रम जारी कर दिया। सड़कों पर हुए भारी गड्ढों तथा खराब सड़क होने के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती है, जिससे आवागमन करने में लोग बेहद परेशान हैं।
इस सड़क को बनाने के लिए भाजपा नेताओं के हवाले से कई खबरें मीडिया में जरूर आयीं पर सड़क बनाने का काम शुरू नहीं हो सका। इसी बात को लेकर सपा के विधायक नाराज थे और तरह तरह के आरोप लगा रहे थे।
सड़क से गुजरने वाले माता प्रसाद कहते हैं कि सपा के नेता चुनाव और बरसात देखकर भौकाल बना रहे हैं और भाजपा के कुछ नेता जानबूझकर काम रोकवाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर सत्ता व विपक्ष के नेता चाह लें तो यह सड़क एक से दो महीने में गड्ढा मुक्त हो जाय। पर इनको जनता के कष्ट से कुछ लेना देना नहीं है केवल नेतागिरी करनी है।
एक नेता ने कहा कि अगर सकलडीहा में भाजपा का विधायक होता तो शायद सड़क बन जाती तो वहीं पास खड़े एक व्यक्ति ने अलीनगर व दुलहीपुर इलाके की सड़क का हाल बता कर उनकी बोलती बंद कर दी। उसने कहा कि जब चुनाव आएगा तो काम का ढिढोरा पीटा जाएगा। वर्ना सड़क बनवाने के लिए राज्य सरकार के मंत्री अनिल राजभर व केन्द्र सरकार के मंत्री व सांसद महेन्द्र नाथ पांडेय भी जोर लगा ही रहे थे..पर क्या हुआ है..लगता है इनकी भी अफसर नहीं सुनते हैं।