दाता एक भगवान है बाकी सभी लोग याचक है - संत सुंदर दास
संत सुंदर दास
श्रीमद भागवत कथा पुराण
चंदौली जिले के खण्डवारी देवी इंटर कालेज के खेल मैदान पर तीसरे दिन श्रीमद भागवत कथा पुराण का ज्ञान देते हुए संत त्रिदंडी स्वामी के शिष्य रामानुजाचार्य सुन्दर दास स्वामी ने कहा कि आज संसार मे हर श्रीमद् भागवत ने कहा है भगवान ही एक मात्र संसार मे दाता है बाकी लोग याजक है। यह शरीर परमात्मा का दिया हुआ है । इस शरीर को भगवान मे विलय कर देना चाहिए। कोई धन दौलत के लिए तो कोई सांसारिक शुभ व भोग को प्राप्ती मे लगा है तो कोई भोग मे लिप्त है।
उन्होंने कहा कि नारद जी को भगवान ने धर्म का प्रचार के लिए भेजा तो वह शिष्य बनाने लगे। तो भगवान ने कहा नारद आपने क्या संकल्प लिया । नही बता पाये तो भगवान ने बताया ऐसा कार्य करते करते जो भगवान को प्राप्त कर ले वही धर्म और संकल्प है। कामना मुक्त भक्ती करने से बहुत लाभ मिलता है। क्योकि कुछ मागने से ब्यक्ति हृदय से गिर जाता है। मनुष्य मानव जीवन को जी रहा है। जितने शास्त्र, वेद,पुराण, श्रीमद भागवत, सब शास्त्र मनुष्य के लिए बना है । लेकिन मानव इससे विमुख होता जा रहा है। जिससे फृथ्वी का अस्तित्व खतरे मे है । कुछ लोग धर्मी है । जिससे पृथ्वी टीकी हुई है। माता पिता का सेवा करना चाहिए जो मिता पिता का सेवा नही किया वह सन्त की सेवा नही कर सकता।
मदिरा की शीशी पर चेतावनी लिखी रहती है । शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है । फिर भी लोग पीते है । लेकिन उनसे कहा जाय कि पीना है तो नारायण के भक्ति का रसपान करे उनके उपदेश को रसपान करे । तो वह नही करेगा । भागवत की रचना क्यो हुई । जितने भी ज्ञान की बाते है ,विज्ञान की बाते है ब्यास जी ने छोड़ा ही नही है । नारद जी के सहयोग से भागवत की रचना किया । बिना भगवान की भक्ति के कोई भी रास्ता नही है । ये भगवान ही थे जो पांडवों की रक्षा हुई । इसलिए भगवान की भक्ति ,भजन करिये ।
इसके पूर्व दो घण्टे रामायण कथा वाचक सच्चिदानंद स्वामी जी महाराज ने कहा ।