ऐसे हैं SP के PRO व इनकी मीडिया सेल, न्यौता देकर भूल जाते हैं साहब…!
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कहते हैं कि पुलिस के कुछ अधिकारी अपनी रौब के आगे किसी को कुछ नहीं समझते हैं, वह अपने अफसरों को उनके फरमानों को भी न सुनना पसंद करते हैं और न ही करना, जिसमें अच्छी पब्लिक डीलिंग व फरियादियों के कायदे से बात करने जैसे मामले शामिल होते हैं। इतना ही नहीं शांति कमेटी की बैठकों की खानापूर्ति को छोड़ दिया जाय तो बाकी किसी समय किसी फरियादी को थाने में कभी सम्मान नहीं मिलता है। यह बात आप भी जानते व समझते होंगे।
जब कोई फरियादी जाता है तो दरोगा जी या उनके चहेते सिपाही गण कैसे व्यवहार करते हैं और कैसी कैसी बातों से उसका स्वागत करते हैं। इसे लिखने या बताने की जरूरत नहीं है। कभी आप ऐसी हालत में थाने गए होंगे तो खुद सुने होंगे या देखे होंगे।
अब एसपी कार्यालय में भी पुलिस अधीक्षक के पीआरओ साहब और उनकी मीडिया सेल वाली टीम भी उसी कार्यशैली में ढलती जा रही है। वह पत्रकारों को पुलिस के गुडवर्क के खुलासे के लिए बाकायदा मैसेज भेजकर बुलाया करते हैं..और खुद के तय समय पर कहीं बैठकर मौज काटा करते हैं। पत्रकार पहुंच भी गए तो उनसे कन्नी काटते हैं या फिर न तो उनको कोई सही जानकारी देते हैं।
कुछ ऐसा ही आज हुआ जब. 2 बजे पत्रकार गुडवर्क का कवरेज करने गए तो अधीक्षक महोदय व अपर पुलिस अधीक्षक भी कार्यालय मौजूद थे लेकिन पत्रकारों को ना ही बैठने को कोई कहा गया और न ही कोई कुछ बताने को तैयार था । तब मौजूद पत्रकारों ने उनकी प्रेसवार्ता बहिष्कार करने का फैसला किया।
ऐसे में क्या करते पुलिस वालों ने खुद की लिखी हुई कहानी अपर पुलिस अधीक्षक के नाम से प्रेस वार्ता की रिलीज बनाई व स्वयं गुडवर्क दिखा करके cdi police news ग्रुप में भेज दिया।
मौके पर मौजूद पत्रकारों ने कहा कि यदि पुलिस के रवैया में इसी प्रकार की रही तो आने वाली दिनों में कहीं न कहीं पत्रकार भी इनके कार्यालयों में जाने से परहेज करते नजर आएंगे। एसपी साहब को अगर मीडिया की जरूरत नहीं है तो अपने कार्यालय में एक बोर्ड लगवा दें।