सामाजिक मर्यादा को तार- तार कर रहे सोशल मीडिया के गंदे रील्स, दर्ज होनी चाहिए FIR
 

मोबाइल के यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक व अन्य प्लेटफॉर्म पर रोजाना हजारों अच्छे व बुरे रिल्स की भरमार है। कुछ अच्छे रील भी दिखते हैं और मन को झंकझोर कर रख देते हैं।
 

आपसी रिश्ते, मर्यादा, सामाजिक विश्वसनीयता बचाने की जरूरत

रील्स से खराब हो रहा सामाजिक ताना-बाना

सोशल मीडिया रील पर भी हो सेंसर

गंदे रील बनाने पर आईडी सीज कर दर्ज हो FIR

आजकल सामाजिक मर्यादाएं तार - तार हो रही हैं जब हम सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर अश्लील, दुअर्थी एवं मर्यादित रिश्तों के साथ अश्लील वीडियो देख रहे होते हैं। सोचिए हमारी वर्तमान पीढी पर इसका कितना असर पड़ रहा है। कैसा होने वाला है उनका भविष्य। चंदौली जनपद के पत्रकार , साहित्यकार, चिंतक, सामाजिक कार्यकर्ता व मोटिवेशनल स्पीकर विनय कुमार वर्मा ने चिंता जताने के साथ साथ लोगों से अपील कर एक पहल शुरू करने को कहा है।

आज मोबाइल सभी के हाथ में है। छोटे बच्चों से लगाएत बुजुर्ग तक मोबाइल उपयोग करते हैं । मोबाइल के यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक व अन्य प्लेटफॉर्म पर रोजाना हजारों अच्छे व बुरे रिल्स की भरमार है। कुछ अच्छे रील भी दिखते हैं और मन को झंकझोर कर रख देते हैं। वहीं बहुत से लोग बेशर्मी का हद पार कर रहें हैं। कुछ रील में नंगे हो जा रहे हैं, कुछ मां अपने बेटे के साथ अश्लील रील बना रही है, वो तो उसी बेटे संग शादी करने को कहती हैं, कुछ बुआ, मौसी, चाची अपने भतीजों संग तो कुछ सगी बहने अपने भाई संग गंदे रील बना रहे हैं। कुछ पिता अपनी बेटी के साथ, कुछ ससुर अपनी  बहू संग तो कुछ सास अपने दामाद संग आपत्तिजनक रील बना रहे हैं।

दोस्त, सहकर्मी, दूसरे के पति, दूसरे की बीबी, पड़ोसी, मामा, चाचा , फूफा, आदि संग भी फूहड़ रील बनाए जा रहे हैं। हद तो यह है कि बुजुर्ग भी इसमें पीछे नहीं हैं। वे भी बढ़चढ़ कर इसमें शामिल हो रहे हैं।  कितना गिनाया जाए, दिन भर  गंदे, फूहड़ व अश्लील रील दिखते रहते हैं।
 
यह सब कुछ हम सभी लोग असहाय होकर देख रहे हैं और हमारे ही आसपास, पड़ोस व जानने वाले लोगों में से कुछ इस तरह के रील बनाने में मगन हैं।

आज रिश्तों पर खड़ा हो रहा विश्वसनीयता का संकट
 आज  सबसे बड़ा संकट विश्वसनीयता का ही खड़ा हुआ है। आज किस पर विश्वास करें और किस पर ना करें। यह सोचनीय विषय है। जहां-जहां हम विश्वास करते हैं वहां-वहां से हमें धोखा देखने को मिलता है।  सोचने वाली बात है - पुराने समय में जब सोशल मीडिया नहीं थी तब दादा-दादी माता-पिता वह अन्य रिश्तेदारों के किस्से-कहानियां व उपदेश ही बच्चों, युवाओं और बड़ों के मन को मर्यादा में बांध कर रखे थे। तब बच्चे हर रिश्ते की कदर करते थे, हर रिश्ते को सम्मान करते थे और हर रिश्ते संग मर्यादित व्यवहार करते थे।.... लेकिन जब से सोशल मीडिया पर यह रील बनाने का दौर शुरू हुआ है तब से सभी के मन पर गलत प्रभाव पड़ रहा है।

जिन बातों के लिए घरों में एक मर्यादा का पर्दा रहता था अब उन बातों को सार्वजनिक मंच पर वीडियो बनाकर प्रस्तुत करना कितना गलत है। इतना सब के होते हुए हम समझ सकते है कि हमारी पीढ़ी कहां जा रही है।

आखिर कौन रोकेगा इन्हें..कौन आएगा आगे
पहले का सामाजिक ताना-बाना कुछ ऐसा होता था कि कही कोई कुछ गलत करे तो कोई भी उन्हें टोक देता था। समाज के लोग मिलकर उनका बहिष्कार करते थे। उनके शादी - विवाह में परेशानी होती थी। इन्हीं सब वजहों से वे लोग संभल जाते थे।...लेकिन आज के दौर में ऐसा करने पर  सामने वाला तपाक से कहता है -आपसे क्या मतलब?..यह सुनते ही हम चुप हो जाते हैं और शांत भी।

मगर आज उन्हें यह बताने की जरूरत  है कि अगर कोई गलत रील बनाकर गंदगी फैला रहा है तो उसका प्रभाव पूरे समाज पर पड़ेगा।  इसी समाज में हम रह भी रहते हैं तो उसका असर हम पर भी पड़ेगा। इसलिए हमसे मतलब है।
समाज के अच्छे लोगों को अपने आसपास कोई गलत और अश्लील रील बना रहा है तो उसे रोकना चाहिए। लोगों का समूह बनाकर उनके पास जाना चाहिए, उनको टोकना और उनका सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए। उन पर दबाव डालने की जरूरत है कि ऐसे रील ना बनाएं।

सामाजिक संगठनों को विशेष रूप से पहल करने की जरूरत है। बहुत कुछ सामाजिक दबाव में भी अच्छा हो जाता है। हम सब संकल्प के साथ केवल इतना ख्याल करें कि हमारे इर्द-गिर्द कोई अच्छा रील बनाता है तो उनका स्वागत करें लेकिन कोई अश्लील, दुअर्थी, फूहड़  और मर्यादित रिश्तों संग गंदा रील बनाता है तो उनके खिलाफ समाज में अश्लीलता फैलाने का मुकदमा भी दर्ज कराया जाए। शायद तभी ये लोग डरेंगे और समाज में इस तरह की गंदगी फैलाने से बचेंगे।

सोशल मीडिया रील पर भी हो सेंसर, गंदे रील हो FIR
केंद्र सरकार व राज्य सरकार को भी अब इस मुद्दे पर गंभीर होने की आवश्यकता है। इसे ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता। सोशल मीडिया के उन सभी प्लेटफॉर्मों जिन पर ये गंदे रियल अपलोड किए जाते हैं उन सभी प्लेटफार्म को निर्देशित किए जाने की आवश्यकता है - जैसे देश विरोधी पोस्ट को वे डिलीट कर देते हैं और आईडी सीज, ठीक उसी प्रकार कम से कम भारत में गंदे, मर्यादित रिश्तों के साथ वाले अश्लील वीडियो को अपने प्लेटफार्म पर अपलोड किया जाना बंद करें। अपलोड करने वालो की आईडी सीज करें और उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाए।

मुहिम शुरू करने की जरूरत
एक-एक व्यक्ति से घर बनता है। घर से समाज, समाज से राष्ट्र बनता है। जब व्यक्ति बिगड़ेगा तो घर भी बिगड़ेगा, समाज भी बिगड़ेगा और राष्ट्र पर भी इसका असर पड़ेगा। इसलिए आज बात राष्ट्र बचाने की है। संस्कृति बचाने की है। इस पर एक्शन लेने की आवश्यकता है। सभी जनप्रतिनिधि इस मुद्दे को सदन में उठाकर इस पर कड़े कानून बनवाए ताकि भारत की महान व अक्षुण्ण संस्कृति को बचाया जा सके।