वसूली की पोल खोलने वाले इस वीडियो की कैसे होगी जांच, वसूली तो होती ही है..!
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चन्दौली जिले में हमेशा चर्चा का विषय रहा है कि जिले में ओवरलोड ट्रकों व अवैध बालू से लोगों की जेबें भरी जाती हैं और अधिकारियों द्वारा ड्राइवरों से धन उगाही के किस्से भी लोगों में चर्चा का विषय खूब बनती हैं। उसके प्रमाण के लिए एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो खनन अधिकारी के किस्से बता रहा है।
यह वीडियो एक भुक्तभोगी ट्रक ड्राइवर का है जो कि किसी थाने में खड़ा होकर बता रहा है कि खनन अधिकारी द्वारा सही गाड़ी से भी पैसा लेने व चालान कराने की बात कही जा रही है।
बताते चले कि इस समय जिला प्रशासन व पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त कार्यवाही के अंतर्गत सैयदराजा पुलिस द्वारा ओवरलोड वालों की ट्रकों को रोकने का कार्य किया जाता है, जिससे शंका के आधार पर सेल टैक्स विभाग के ग्राउंड में खड़ा कर दिया जाता है । उसके बाद उन गाड़ियों को एआरटीओ तथा खनन अधिकारी के माध्यम से चालान कर कार्यवाही की जाती है। इसी क्रम में एक ट्रक ड्राइवर द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि खनन अधिकारी ने उसकी गाड़ी को सेल टैक्स के ग्राउंड में खड़ा कर दिया और बताया गया कि इस गाड़ी का एआरटीओ द्वारा ओवरलोड में चालान किया जाएगा उसके बाद खनन की पेनाल्टी जमा करनी होगी।
जब ट्रक ड्राइवर एआरटीओ से संपर्क कर कार्यवाही करने की बात कही तो एआरटीओ द्वारा उसकी गाड़ी को अंडर लोड बताते हुए चलान नहीं की किया गया । तब खनन अधिकारी अरविंद कुमार यादव ने ड्राइवर के कथनानुसार उससे ₹15,000 नगद लिए तथा ₹47,500 का चालान स्टेट बैंक में जमा कराकर गाड़ी छोड़ने का कार्य किया ।
जबकि ट्रक ड्राइवर द्वारा गाड़ी संख्या व अपना नाम भी वीडियो में बताया जा रहा है वही खनन अधिकारी द्वारा 15,000 रुपये स्वयं लेने की बात इस वीडियो में बताई रही है।
जबकि इस संबंध में खनन अधिकारी से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि ऐसा कोई भी वीडियो मेरे संज्ञान में नहीं है और ना ही किसी ट्रक चालक से पैसा लिया गया है।अब देखना है कि इस वीडियो की क्या सच्चाई है और यह ट्रक ड्राइवर क्यों जिला खनन अधिकारी अरविंद कुमार यादव का नाम लेकर उन्हें बदनाम कर रहा है ।
क्या इस ट्रक चालक द्वारा थाने में खड़ा होकर ऐसी बात कही जाने का क्या मकसद है ? या कहीं ना कहीं खनन अधिकारी द्वारा अपने बचाव के लिए ऐसी बात कही जा रही है। अब इस मामले की जांच उच्चाधिकारियों द्वारा करके संबंधित मामले में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाने की मांग की जा रही है, ताकि जनता को विश्वास हो कि ऐसे कृत्य करने वाले लोगों पर वैधानिक कार्यवाही की जाती है ।