..आखिर किसलिए नौबतपुर जाने से 'डर' गए प्रभारी मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल...!
 

 

चंदौली जिले में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का पुलिस से पंगा काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस विवाद का असर चंदौली जिले के प्रभारी मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल के दौरे पर भी देखने को मिला और उन्हें प्रोटोकॉल जारी करने के बाद भी अपना दौरा रद्द करना पड़ गया और चंदौली भाजपा के कार्यालय से आकर वापस लौट गए।

 आपको बता देंगे चंदौली जिले के प्रभारी मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल को गुरुवार को चंदौली जिले के प्रस्तावित मेडिकल कालेज का दौरा करना था और इसके साथ-साथ उसी के पास एक पत्रकार के घर तेरहवीं के कार्यक्रम में भी जाना था। इसके लिए बुधवार की शाम को ही प्रोटाकाल आ गया था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का फीडबैक ठीक ना होने के कारण मंत्री मंत्री जी को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ गया। 

कहा जा रहा है कि मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल नौबतपुर की ओर जा रहे थे तभी किसी भाजपा नेता ने जरूरी कार्य बताकर उन्हें पहले भाजपा के पार्टी कार्यालय आने के लिए कहा। जब मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल भाजपा कार्यालय पहुंचे व पार्टी के लोगों से मुलाकात व बात की तो उनका दौरा करने का इरादा बदल गया और वह चंदौली भाजपा के कार्यालय से किसी आवश्यक कार्य का हवाला देकर लौट गए।

कहा जा रहा है कि मंत्री के प्रोटोकाल के मुताबित जिलाधिकारी महोदय ने मेडिकल कॉलेज में जाकर वहां चल रहे कार्यों का निरीक्षण पहले से ही कर रहे थे, ताकि मंत्री के आने पर किसी तरह की शिकायत न मिले। लेकिन मंत्री जी के न पहुंचने से जिलाधिकारी काफी देर तक इंतजार कर लौट आए।

हालांकि मंत्री जी का यह कार्यक्रम क्यों रद्द हुआ और किसलिए प्रोटोकॉल जारी करने के बाद भी मंत्री जी मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने नहीं गए.. यह चंदौली जिले में राजनीतिक चर्चा का विषय बना हुआ है।

 कई लोगों का कहना है कि अगर मंत्री वहां पर जाते और जिला मुख्यालय पर कहीं औक रुकते तो पत्रकार उनसे इस मामले को लेकर तरह-तरह के सवाल पूछ सकते थे। इसी किरकिरी से बचने के लिए या तो मंत्री जी ने खुद अपने स्तर से यह फैसला लिया या फिर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने जिले के हालात का फीडबैक देते हुए उनको ना आने के लिए मना लिया।

 हालांकि इसकी क्या सच्चाई है यह तो भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोग ही बता पाएंगे लेकिन यह चर्चा जोरों पर है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस का विवाद इस दौरे के रद्द होने के प्रमुख कारणों में से एक है।