आज मनायी गयी रामकिंकर दास मौनी महाराज की 119वीं जयंती
हनुमानगढ़ी मंदिर परिसर में समाधि स्थल पर आयोजन
ब्रम्हलीन मौनी बाबा के समाधि पर अर्पित किए पुष्प
मौनी महाराज जी के कार्यों को भक्तगणों ने किया याद
पूज्य महाराज के मानस शिष्य त्यागी बाबा महाराज को सीताराम नाम जड़ित पगड़ी और फूलों का हार पहनाकर सनातन धर्म एवं दास परम्परा के अनुसार हनुमान गढ़ी मंदिर परिसर में हनुमान मंदिर, राम जानकी दरबार एवं शिव दरबार सहित समाधि, तपासन धुईया पर मंदिर परिसर में परंपरागत पूजा ,अर्चना, भोग,आरती एवं प्रसाद वितरण किया ।बताते चलें कई दशक पूर्व श्री मौनी महाराज का आगमन इस निर्जन क्षेत्र में आकस्मिक रूप से हुआ जो की बाल ब्रह्मचारी थे।
वह चित्रकूट से चलकर इस परम पुण्य भूमि पर अपना निर्वासन कर सैकड़ों यज्ञ आयोजित किया और विश्व कल्याण हेतु हिंदू परंपरा अनुसार प्रतिवर्ष नवरात्रि में कन्या पूजन शिवरात्रि उत्सव एवं सभी धार्मिक पर्वों पर परंपराओं के अनुरूप हनुमान जयंती उत्सव ,नवरात्रि उत्सव चैत्र उत्सव , जल कलश यात्रा, शिव श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ, रामचरितमानस पाठ, सुंदरकांड पाठ आदि कार्यक्रम अनवरत आयोजित करते रहे ।
यहां की सबसे विशेष यह रहा की कई वर्षों तक लगातार सीताराम नाम संकीर्तन होता रहा और मोनी महाराज जी मौन रहकर सहज भाव से सभी कार्यों को संपादित करते रहे। लगभग तीन दशक से आज भी मौनी महाराज द्वारा स्थापित वन देवी आश्रम चित्रकूट मध्य प्रदेश में सीताराम नाम का संकीर्तन अनवरत जपा जा रहा है ।
इस अवसर पर कार्यकारी महंत त्यागी बाबा के साथ मंदिर के कार्यकर्ता सविंद्र यादव, राजकुमार यादव, अमित यादव, अभिषेक, अशोक कुशवाहा, टिंकल, उपेंद्र, अरविन्द, दीनदयाल, प्रिंस, प्रकाश,बबलू, शोभा पहलवान , नन्हे मास्टर आदि लोग उपस्थित रहे ।