मनरेगा कार्यों की निगरानी के लिये महिला मेठों को नहीं बुलाते हैं प्रधान, खुलकर की शिकायतें

मनरेगा कार्यों की निगरानी के लिये गांवों में महिला मेठ को नियुक्त किया गया है, जो मनरेगा कार्य की निगरानी के साथ मस्टररोल, पेमेंट और मजदूरी का भुगतान कराने में सहायक होती हैं। महिला मेठ दिवस पर महिलाओं ने आरोप लगाया कि मनरेगा के तहत कब काम शुरू होता है और कब समाप्त हो जाता है
 

सकलडीहा ब्लॉक सभागार में महिला मेठों के साथ बैठक

बीडीओ अरूण पांडेय ने मीटिंग करके सुनीं समस्याएं

चंदौली जिले के सकलडीहा ब्लॉक सभागार में बुधवार को महिला मेठ दिवस पर महिला मेठों की बैठक बुलायी गयी थी। इस दौरान महिला मेठों ने मनरेगा कार्य की निगरानी के लिये कार्य स्थल पर महिला मेठों को नहीं बुलाने का आरोप लगाया। इस बात को सुनकर बीडीओ ने महिलाओं की समस्या का समाधान कराने का भरोसा दिया। इस मौके पर कुल 105 मेठों में से 60 महिला मेठ मौजूद रहीं।

मनरेगा कार्यों की निगरानी के लिये गांवों में महिला मेठ को नियुक्त किया गया है, जो मनरेगा कार्य की निगरानी के साथ मस्टररोल, पेमेंट और मजदूरी का भुगतान कराने में सहायक होती हैं। महिला मेठ दिवस पर महिलाओं ने आरोप लगाया कि मनरेगा के तहत कब काम शुरू होता है और कब समाप्त हो जाता है, यह बात महिला मेठों को पता तक नहीं चलती है। मनरेगा कार्य के लिये कार्यस्थल पर महिला मेठ को नहीं बुलाया जाता है। 

ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत के कार्यों में भागीदारी दिलाने की मांग उठाया। इस दौरान महिलाओं ने भुगतान आदि की समस्या को प्रमुखता से रखा और ग्राम प्रधानों व बीडीसी के द्वारा की जा रही मनमानी के खिलाफ खुलकर बोला। 

इस मौके पर बीडीओ अरूण पांडेय ने बताया कि महिला मेठों की समस्या का समाधान जल्द से जल्द करने की कोशिश की जाएगी, क्योंकि इनको मनरेगा के तहत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है।