बहारवानी गांव में सतगुरु अभिनंदन समारोह का आयोजन

चंदौली जनपद के सकलडीहा क्षेत्र के बहारवानी गांव में सतगुरु अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया दिसावर सर पर सद्गुरु धर्मात्मा नंद जी महाराज का पूजन अर्चन के साथ आरती किया गया
 

चंदौलीभवानी गांव में सतगुरु अभिनंदन समारोह 

सद्गुरु धर्मात्मा नंद जी महाराज का पूजन अर्चन के साथ आरती 

चंदौली जनपद के सकलडीहा क्षेत्र के बहारवानी गांव में सतगुरु अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया दिसावर सर पर सद्गुरु धर्मात्मा नंद जी महाराज का पूजन अर्चन के साथ आरती किया गया और भंडारे का भी आयोजन होगा भक्तों को संबोधित करते हुए गुरु धर्मात्मा नंद जी ने कहा कि गुरु से दुराव तथा छिपाव करने वाले के विवेक पर पर्दा पड़ जाता है।

होंहिं न विमल विवेक उर,गुरु सन किए दुराव। कहते हैं ,"गुरु से कपट न मित्र से चोरी , कि होय निर्धन कि होय कोढ़ी।"

ऐसा इसलिए है क्योंकि गुरु तुम्हारी आत्मा से अभिन्न हैं।

कबीर दास जी ने कहा है कि जो गुरु को अपने से भिन्न समझता है वह अंधा है, भगवान् के रूठ जाने पर गुरु की शरण में जाते हैं लेकिन गुरु के रुष्ट हो जाने पर भगवान भी कोई सहायता नहीं कर सकते। गुरु की सेवा से इहलोक और परलोक दोनों सवर जाता है।

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 श्री महाराज जी ने कलियुगी गुरुओं की वर्तमान दशा  पर व्यंग करते हुए ठेठ भाषा में कहा"

रुपया आवै फाड़े में,चेला जाएं भाड़े में।"और आजकल के शिष्य भी कौड़ी के मोह में गुरु से विश्वासघात करने में हिचकते नहीं।

संत जब अनुकूल होते हैं तो सभी सुखों की जननी भक्ति महारानी मिल जाती हैं।

तात भगति अनुपम सुखमूला,मिलइ जो संत होहिं अनुकूला।।

 बहरवानी गांव में रमाकांत यादव के आवास पर आयोजित सतगुरु अभिनंदन समारोह के अवसर पर श्री स्वामी जी ने भक्तों को अपने खान पान और रहन सहन पर सावधानी पूर्वक विचार करने के लिए कहा, 

जैसा खाये अन्न,वैसा होए मन। जैसा पिये पानी,वैसी निकले बानी।।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ सतगुरु की आरती से हुआ, भजन मंडली द्वारा भक्ति का रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।