भक्ति के रंग में रंगा बलुआ घाट, उगते सूर्य को अर्घ्य देकर संतान के दीर्घायु की कामना

मंगलवार सुबह धूप न निकलने के कारण कई लोगों ने अर्घ्य देने का समय गूगल पर सर्च किया और 6:03 से 6:30 बजे के बीच अर्घ्य दिया।
 

बलुआ पश्चिम वाहिनी गंगा तट पर छठ महापर्व का भव्य समापन

ड्रोन और गोताखोरों की निगरानी में दिया गया अर्घ्य

भक्तों ने पानी में घंटों खड़े रहकर दी भगवान भास्कर को विदाई

चंदौली जिले के चहनियां में आस्था का महापर्व छठ मंगलवार की भोर में उगते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। इस दौरान बलुआ स्थित मां भागीरथी पश्चिम वाहिनी गंगा तट के साथ-साथ क्षेत्र के सरोवरों और गांव के नहरों पर हजारों आस्थावानों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

आपको बता दें कि व्रती महिलाएं छठी मईया के गीत गुनगुनाते हुए अपने संतान के दीर्घायु जीवन, सुख और समृद्धि की कामना कर रही थीं। भक्तों के गीत "जल्दी जल्दी उगी हे सूरज देव भईले अरध के बेर" से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।

क्षेत्र के बलुआ सहित महड़ौरा, कांवर, पकड़ी, बिसुपुर, महुआरीखास, सराय, महुअर, हरधन जुड़ा, पुराविजयी पुरागनेश, सोनबरसा, टांडा कला, महमदपुर, सरौली, तीरगावा हसनपुर, बड़गावा, नादी निधौरा, सहेपुर, आदि कई गंगा घाटों और तालाबों पर व्रती महिलाएं घंटों पानी में खड़ी रहीं और भगवान भास्कर से मंगल कामना की।

मंगलवार सुबह धूप न निकलने के कारण कई लोगों ने अर्घ्य देने का समय गूगल पर सर्च किया और 6:03 से 6:30 बजे के बीच अर्घ्य दिया। इस दौरान छठी मैया और हर हर महादेव के उदघोष से वातावरण गूंज उठा।

कड़ी सुरक्षा और सेवा

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बलुआ एसओ अतुल कुमार अपनी फ़ोर्स के साथ लगातार गश्त करते रहे। पुलिस कर्मियों ने भीड़ पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया। स्वास्थ्य विभाग की टीम, महिला पुलिस, एंटी रोमियो दस्ता, और कंट्रोल रूम भी बनाया गया था। इसके अलावा, गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष दीपक जायसवाल ने अर्घ्य के लिए निःशुल्क दूध का वितरण किया, जबकि उनके वालंटियर लोगों की मदद में जुटे रहे। घाट पर प्राइवेट गोताखोरों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी सुबह-शाम उपस्थित रहीं।