चकबंदी विभाग में भारी भ्रष्टाचार का मामला उजागर,पीड़ितों ने दी आत्मदाह की चेतावनी

ग्रामीणों का गुस्सा अब फूट पड़ा है और उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही निष्पक्ष जांच नहीं की गई और न्याय नहीं मिला तो वे आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने को मजबूर होंगे।
 

सकलडीहा तहसील के महुंजी गांव में चकबंदी का खेल

चकबंदी विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला

गांव वालों ने दे दी है खुलेआम चेतावनी

चंदौली जनपद अंतर्गत सकलडीहा तहसील के महुजी गांव में चकबंदी विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि चकबंदी प्रक्रिया के दौरान भूमाफियाओं के दबाव में आकर अधिकारियों ने मनमाने तरीके से जमीन का मूल्यांकन किया और बांटवारे में भारी अनियमितता बरती।

पीड़ित किसानों का कहना है कि डूब और गंगा कटान क्षेत्र की जमीन का मूल्यांकन सबसे अधिक दिखाया गया, जबकि वह भूमि खेती के लायक नहीं है। इसके विपरीत, सड़क और नहर के किनारे की उपजाऊ और कीमती जमीनों का मूल्यांकन बेहद कम करके भूमाफियाओं के पक्ष में बांट दी गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कब्ज परिवर्तन करवाने के लिए भी भूमाफियाओं द्वारा उन्हें दबाव में लिया जा रहा है।

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इस अन्याय के विरोध में गांव के दर्जनों किसान चकबंदी विभाग के कार्यालय का चक्कर काट चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक कोई ठोस न्याय नहीं मिला है। किसानों ने यह भी खुलासा किया कि भारी विरोध और शिकायतों के बाद विभागीय अधिकारियों ने पुनः सर्वेक्षण का आदेश दिया था, लेकिन वह आदेश पिछले तीन वर्षों से फाइलों के नीचे दबा पड़ा है और उस पर कोई अमल नहीं हुआ है।

ग्रामीणों का गुस्सा अब फूट पड़ा है और उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही निष्पक्ष जांच नहीं की गई और न्याय नहीं मिला तो वे आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने को मजबूर होंगे। गांव में बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठने लगे हैं। महुजी गांव का यह मामला अब धीरे-धीरे तूल पकड़ रहा है और पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है।

ग्रामीणों ने शासन से मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और पीड़ितों को न्याय दिलाया जाए।