सकलडीहा कोतवाली के गालीबाज दरोगा पर होगी कार्रवाई, सीओ ने दिए हैं लक्ष्मीकांत मिश्र के खिलाफ जांच के आदेश

 

 चंदौली के सकलडीहा थाने में तैनात दरोगा लक्ष्मीकांत मिश्र का एक शर्मनाक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह एक फरियादी को मां-बहन की गालियां देते हुए एक हजार जूते मारने और जूतों की माला पहनाने की धमकी देते नजर आ रहे हैं।

 
 
सकलडीहा दरोगा का अभद्रता वाला वीडियो वायरल
 फरियादी को एक हजार जूते मारने की धमकी
 दरोगा पर पहले भी लगे बदसलूकी के आरोप
 सीओ स्नेहा तिवारी ने शुरू की विभागीय जांच
चंदौली पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे गंभीर सवाल

 चंदौली जिले से खाकी को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है, जहां रक्षक ही भक्षक की भूमिका में नजर आ रहा है। चंदौली जिले की सकलडीहा कोतवाली में तैनात दरोगा लक्ष्मीकांत मिश्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है, जिसमें वह अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हुए एक फरियादी के साथ अत्यंत अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। वायरल वीडियो में दरोगा न केवल फरियादी को मां-बहन की भद्दी गालियां दे रहे हैं, बल्कि उसे धमकी देते हुए कह रहे हैं कि वे उसे एक हजार जूते मारकर जूतों की माला पहना देंगे। यह घटना शुक्रवार की बताई जा रही है, जिसने पुलिस की कार्यप्रणाली और जनता के प्रति उनके संवेदनहीन रवैये को उजागर कर दिया है। अब मामले की जांच कर गालीबाज दरोगा के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।

अभद्रता और पुरानी शिकायतों का इतिहास वीडियो में दरोगा का उग्र रूप साफ देखा जा सकता है, जहां वे प्राथमिकी लिखने की बात तो कर रहे हैं लेकिन साथ ही फरियादी को अपमानित करने की सारी सीमाएं लांघ रहे हैं। सूत्रों और स्थानीय खबरों के अनुसार, सकलडीहा थाने में तैनात इस दरोगा पर जनता के साथ बदसलूकी करने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। इससे पहले भी कई बार फरियादियों ने उनके खिलाफ शिकायतें की थीं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होने के कारण उनके हौसले बुलंद बने हुए थे। यह वीडियो अब उस दबंगई का जीवित प्रमाण बन गया है, जिसे अब तक विभाग अनदेखा करता आ रहा था।

सोशल मीडिया पर आक्रोश देखकर हो रही जांच
 वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद स्थानीय स्तर पर और सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ स्नेहा तिवारी ने इस पर आधिकारिक बयान जारी किया है। उन्होंने पुष्टि की है कि वायरल वीडियो संज्ञान में आया है और इसकी गहराई से जांच कराई जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जांच की रिपोर्ट के आधार पर आरोपी दरोगा के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस प्रशासन पर अब इस बात का दबाव बढ़ गया है कि वह केवल जांच के नाम पर औपचारिकता न करे, बल्कि जनता के विश्वास को बहाल करने के लिए कड़े कदम उठाए।

व्यंग्य और व्यवस्था पर उठते तीखे सवाल
 इस पूरे प्रकरण ने पुलिस की कार्यशैली पर कई व्यंग्यात्मक सवाल भी खड़े कर दिए हैं। कुछ हलकों में यह चर्चा हो रही है कि यूपी पुलिस की कथित 'ठोक दो' संस्कृति के बीच, लक्ष्मीकांत मिश्र जैसे अधिकारी शायद यह मान बैठे हैं कि फरियादियों को डराना-धमकाना और अपमानित करना ही न्याय करने का सही तरीका है। जहां पुलिस से पीड़ितों को सहारा मिलने की उम्मीद होती है, वहां इस तरह का व्यवहार आम नागरिक को थाने जाने से रोकने के लिए काफी है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुलिस प्रशिक्षण में व्यवहारिक कुशलता और नैतिक मूल्यों की भारी कमी है, जिसे सुधारना शासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।