चंदौली के दो युवकों की तेलंगाना में दर्दनाक मौत, घर आने के दौरान ट्रक ने टेम्पू को रौंदा
तेलंगाना में सड़क हादसे में चंदौली के युवक की मौत
सलेमपुर गांव के दो मजदूरों की दर्दनाक मृत्यु
तेज रफ्तार ट्रक ने टेम्पू को मारी जोरदार टक्कर
घर आने रेलवे स्टेशन जा रहे थे प्रदुम और रविंद्र
सकलडीहा कोतवाल ने दी परिजनों को घटना की जानकारी
चंदौली जिले के सकलडीहा कोतवाली क्षेत्र स्थित सलेमपुर गांव में बुधवार को तब कोहराम मच गया, जब उन्हें तेलंगाना राज्य से आई एक दुखद खबर मिली। गांव के दो युवकों की तेलंगाना में बुधवार सुबह हुए एक भीषण सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे की सूचना मिलते ही न केवल मृतक के परिवारों में मातम छा गया, बल्कि पूरे गांव में भी शोक की लहर दौड़ गई।
रेलवे स्टेशन जाते समय हुआ हादसा
मृतकों की पहचान सलेमपुर गांव निवासी प्रदुम (26 वर्ष) पुत्र महेंद्र राम और रविंद्र (31 वर्ष) पुत्र फत्तेहराम के रूप में की गई है। जानकारी के अनुसार, प्रदुम और रविंद्र सहित आधा दर्जन से अधिक युवक तेलंगाना के नारायणपेट जनपद के केमखथल थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित एक निजी फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। बुधवार की सुबह प्रदुम और रविंद्र अपने घर आने के लिए फैक्ट्री से टेम्पू के माध्यम से रेलवे स्टेशन जा रहे थे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार ट्रक ने टेम्पू को इतनी जोरदार टक्कर मारी कि दोनों युवकों की मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस दर्दनाक हादसे में टेम्पू चालक गंभीर रूप से घायल हो गया।
पुलिस ने परिजनों को दी हादसे की जानकारी
हादसे के तुरंत बाद मौके पर तेलंगाना पुलिस पहुंची। पुलिस ने मृतकों के पास से मिले आधार कार्ड और मोबाइल फोन की सहायता से सकलडीहा कोतवाली पुलिस को इस घटना की सूचना दी। सूचना मिलते ही जब परिजन कोतवाली पहुंचे, तो वे दहाड़ मारकर रोने लगे। परिजनों ने घटना की जानकारी लेने के बाद, गांव के कुछ लोगों के साथ तेलंगाना के लिए तुरंत प्रस्थान किया।
इस संबंध में सकलडीहा कोतवाल दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि तेलंगाना पुलिस द्वारा दोनों शवों को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मृतकों के परिजनों को घटना स्थल और संबंधित थाने की पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी गई है।
सलेमपुर गांव में पसरा गहरा शोक
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण सलेमपुर गांव में गहरा मातम पसरा हुआ है। हादसे की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मृतकों के घरों में चूल्हे तक नहीं जले और गांव के हर व्यक्ति की आंख नम दिखी। कोतवाली में भी इस सूचना के बाद शोक का माहौल बन गया था। यह दुर्घटना उन श्रमिकों के जोखिमपूर्ण जीवन को उजागर करती है जो दूर राज्यों में काम करने जाते हैं और घर लौटते समय भी ऐसी त्रासदियों का शिकार हो जाते हैं।