आस्था का सैलाब: देवउठनी एकादशी पर बलुआ घाट पर उमड़े श्रद्धालु, गन्ना मंडप सजाकर हुआ तुलसी-शालिग्राम विवाह

परंपराओं का निर्वहन करते हुए, श्रद्धालुओं ने इस दिन गन्ने का मंडप सजाकर तुलसी-शालिग्राम विवाह का आयोजन किया। महिलाओं ने गंगा में स्नान के बाद मूली और बैगन दान किया।
 

देवउठनी एकादशी पर गंगा घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब

भोर से ही श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

बलुआ घाट पर बिहार व पड़ोसी जिलों से पहुंचे श्रद्धालु

चंदौली जिले में कार्तिक मास की प्रबोधिनी एकादशी, जिसे देवउठनी एकादशी और भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, शनिवार को पूरे जिले में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। इस पावन अवसर पर आस्थावानों का हुजूम जिलेभर के गंगा घाटों पर उमड़ पड़ा।

भोर होने से पहले ही श्रद्धालु गंगा तटों पर पहुंच गए और पवित्र गंगा में डुबकी लगाने लगे। सबसे अधिक भीड़ बलुआघाट स्थित पश्चिम वाहिनी गंगा तट पर देखी गई। यहां जिले के अलावा पड़ोसी जनपदों और बिहार से भी बड़ी संख्या में लोग पुण्य की डुबकी लगाने पहुंचे। सुबह दस बजे तक स्नान और दान-पुण्य का सिलसिला जारी रहा।

तुलसी-शालिग्राम विवाह का महत्व

हिन्दू धर्म में देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम की शादी तुलसी से कराई जाती है। आस्था है कि इस दिन गंगा में स्नान करने, दान-पुण्य करने और तुलसी तथा शालिग्राम का पूजन-अर्चन करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं।

परंपराओं का निर्वहन करते हुए, श्रद्धालुओं ने इस दिन गन्ने का मंडप सजाकर तुलसी-शालिग्राम विवाह का आयोजन किया। महिलाओं ने गंगा में स्नान के बाद मूली और बैगन दान किया। कुछ जगहों पर लोगों ने गंगा में स्नान के बाद गन्ना चढ़ाया और खेतों में दीप जलाकर गन्ने का पूजन भी किया। इसके अलावा, श्रद्धालुओं ने घाट पर बने अस्थायी भीमसेन की भी पूजा-अर्चना की।

कार्तिक मास में तुलसी को जल देने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है। इसी विश्वास के चलते लोगों ने घरों में भी धूमधाम से तुलसी विवाह का आयोजन किया। कुछ स्थानों पर यह आयोजन रविवार को भी किया जाएगा।

सुरक्षा और व्यवस्था चाक-चौबंद

स्नान और पूजन के लिए बलुआघाट (पश्चिम वाहिनी गंगा तट) पर बड़ी संख्या में भीड़ जुटी। भीड़ को देखते हुए बलुआ पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। बलुआ थानाध्यक्ष अतुल कुमार अपने सहयोगियों के साथ लगातार प्रमुख गंगा घाटों पर गश्त करते रहे।

भीड़ के कारण यातायात प्रभावित न हो, इसके लिए बलुआ पुलिस ने सभी छोटे-बड़े वाहनों को बाल्मीकि इंटर कॉलेज के खेल मैदान में पार्किंग करवा दिया था। गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष दीपक जायसवाल भी दर्जनों स्वयंसेवकों के साथ घाट पर मौजूद रहे और लोगों की मदद की। पर्व के अवसर पर बाजारों में गन्ना और फलों की खूब खरीदारी हुई। धानापुर के नरौली, चहनियां के भूपौली, कैलावर और महड़ौरा पड़ाव क्षेत्र में भी लोगों ने गंगा तट पर स्नान किया और पुण्य कमाया।