किसानों ने जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग के खिलाफ की नारेबाजी, तो चलने लगी नहर
 

 

चंदौली जिले में सिंचाई विभाग की कार्यशैली हमेशा सवालों के घेरे में रहती है। इसको आप किसानों के धरने प्रदर्शन से समढ सकते हैं। हर साल की तरह अबकी साल भी नहरों में पानी छोड़ने की मांग को लेकर सोमवार को किसान मुखर हो गए। 

किसानों ने गुरैनी पंप कैनाल पर धरना दिया और मौके पर जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। सभी किसानों ने आरोप लगाया कि जब सिंचाई की जरूरत नहीं रहती तब अधिकारी नहर चलवाते हैं, लेकिन जब सिंचाई की जरूरत होती है तो वे नहरों को बंद कर देते हैं। 

किसानों ने कहा नरवन क्षेत्र की लगभग 40 हजार हेक्टेयर धान की फसल नहरों के पानी पर ही निर्भर है। यहां सिचाई के सीजन मे हर साल किसानों को आंदोलन करना पड़ता है तब जाकर सिंचाई विभाग के कानों पर जूं रेंगती है। 

हर साल की तरह अबकी बार भी विभाग की लापरवाही के चलते धान की फसल सूखने के कगार है। फसल पीली पड़ गई है। खेतों में दरार पड़ गई है। धान रेड़ा पर आ गया है, ऐसे में पानी नहीं मिला तो धान का फुटाव रुक जाएगा। नरवन क्षेत्र में पानी की समस्या को लेकर कई बार जिलाधिकारी, सांसद व विधायक से मिला गया लेकिन कोई लाभ नहीं मिलता। पंप कैनाल क्यों नहीं चलाया जा रहा यह समझ से परे है।

इस मौके पर दीनानाथ श्रीवास्तव, शिवराज सिंह, राजेन्द्र यादव, नामवर, बब्बू, राजकुमार बिद, चंद्रशेखर सहित अन्य किसान उपस्थित रहे। 

इस धरना की सूचना पर दोपहर में पहुंचे अवर अभियंता ने पंप कैनाल चालू कराकर धरना समाप्त कराया। मौके पर अवर अभियंता अमित चौधरी ने कहा कि पंप को चालू करा दिया गया है। क्षेत्र में सिंचाई का कार्य जब तक पूरा नहीं हो जाता नहर चालू रहेगी।