जलस्तर घटने के बाद भी नहीं थम रही गंगा की कटान, कई गांवों के किसान हैं चिंतित

अब तक हिंगुतरगढ़ और बुद्धपुर गांव के ही तीन दर्जन से अधिक किसानों की पचासों बीघे से ज्यादा उपजाऊ भूमि गंगा के फेटे में चली गई है। आगे भी अभी इतनी ही जमीनें कटान की जद में हैं।
 

सैकड़ों एकड़ खेत गंगा नदी में बहे

आश्वासन के बाद भी नहीं हो रहा समाधान

शासन की अनदेखी से परेशान हैं गंगा किनारे बसे किसान

चंदौली जिले के धानापुर में वैसे तो अब गंगा का जलस्तर घट रहा है। किंतु नदी के किनारे की मिट्टी का कटाव नहीं थम रहा है। स्थिति यह है कि गंगा के किनारे स्थित बोए गए खेत भी अब कट कट कर नदी में गिर रहे हैं। कटान का यह भयावह दृश्य देख तटवर्ती गांवों के लोग परेशान हैं।

आपको बता दें कि कुछ माह पहले बरसात और बाढ़ के समय गंगा में उफान था, लेकिन अब उसी गंगा का जलस्तर धीरे धीरे घट रहा है। इस बीच पुरवा हवाओं के चलते गंगा कटान की गति और तेज हो गई है। वैसे तो पिछले चार पांच दशक से गंगा कटान के चलते पूरा इलाका परेशान है। अब तक हिंगुतरगढ़ और बुद्धपुर गांव के ही तीन दर्जन से अधिक किसानों की पचासों बीघे से ज्यादा उपजाऊ भूमि गंगा के फेटे में चली गई है। आगे भी अभी इतनी ही जमीनें कटान की जद में हैं।

बताते चलें कि गंगा की इस कटान से जिले के महुंजी, जिगना, बयानपुर, प्रहलादपुर, गुरैनी, कवलपूरा, सोनहुली, पंचगंगापुर अमादपुर, मश्रिपुरा, महमदपुर, नरौली, रायपुर, नौघरां, बुद्धपुर, हिंगुतरगढ़, प्रसहटा, रामपुरदीयां, सहेपुर आदि अन्य गांव के सैकड़ों किसान प्रभावित है।

बता दें कि अब तक इन गांवों के किसानों की हजारों एकड़ उपजाऊ खेत गंगा के फेटे में समा चुकी है। सहेपुर निवासी विवेकानंद सिंह, रमेश नारायण सिंह, रामपुर दीयां के नगीना यादव, शंकर यादव, गद्दोचक के संतोष यादव, पंकज यादव, हिंगुतरगढ़ के जय प्रकाश सिंह, योगेश सिंह, बुद्धपुर के विनोद सिंह, श्रीकृष्ण सिंह, नौघरां के बांके उपाध्याय, नरौली के सुमंत भाष्कर, मिश्रपुरा के पंकज दूबे, राजन निषाद, नगवां के राजेश सिंह, राधे सिंह, सोनहुली के रमेश यादव एवं विजय बहादुर सिंह आदि अन्य किसानों का कहना है कि अभी तक गंगा कटान के चलते किसानों के खेत बर्बाद हो रहे थे। किंतु अब कई गांवों में रिहायशी घर भी निशाने पर आ गए है। स्थिति यह है कि गंगा कटान का यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा तो तटीय इलाके की समूची खेती बाड़ी नष्ट हो जाएगी।

अब तक प्रशासन ने भी कोई पहल नहीं किया

गंगा के किनारे स्थित जो गांव नदी के कटान की त्रासदी झेल रहे हैं, उन्हें इससे मुक्ति दिलाने को लेकर अब तक प्रशासन ने कोई पहल नहीं किया। क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों में भी इच्छा शक्ति का घोर अभाव दिख रहा है। यही वजह है कि डबल इंजन की सरकार में भी तटीय इलाके के किसानों की आवाज नहीं सुनी जा रही है।

जिले के सपा सांसद वीरेंद्र सिंह, और क्षेत्रीय भाजपा विधायक सुशील सिंह भी गंगा कटान की समस्या का हल निकाल पाने में अब तक कोई दिलचस्पी नहीं दिखाए। जबकि सच यह है कि यदि ये नेता वाह लें तो गंगा कटान की समस्या से जूझ रहे किसानों को अब भी आसानी से मुक्ति दिलाई जा सकती है।