जाना था कमाने सूरत, पर जीवित्पुत्रिका के दिन एक्सीडेंट में चली गयी जान
टिकट कंफर्म होने पर सूरत जाने की थी तैयारी
सड़क हादसे में चली गयी जय सिंह की जान
ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान हुयी मौत
चंदौली जनपद के धानापुर थाना के भदाहूं गांव के रहने वाले जय सिंह मौर्य (उम्र 45 साल) को सूरत कमाने जाने के लिए टिकट कंफर्म हो गया था, लेकिन विधि के विधान को कौन टाल सकता है। जय सिंह की बाईक और तेज रफ्तार ट्रैक्टर से टकरा गया। टक्कर के बाद बाइक चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के बाद ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर लेकर फरार हो गया। आनन-फानन में लोगों ने जय सिंह को धानापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ले गए, जहां डाक्टरों ने गंभीर स्थिति देखकर ट्रॉमा सेंटर वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। वहीं पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद स्थानीय पुलिस शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम की कार्यवाही में जुट गई है।
आपको बता दें कि जनपद चंदौली के धानापुर थाना क्षेत्र के भदाहूं पुलिस चौकी अंतर्गत भदाहूं गांव निवासी जमुना मौर्य के बड़े बेटे जय सिंह मौर्य (उम्र 45 साल) गुजरात के सुरत शहर में रहते थे। वह एक ट्रक ड्राईवर के रूप में वहीं पर नौकरी करके अपने परिवार का पेट पालते थे। वह बीते दो महीने से अपने घर आए हुए थे।
छुट्टी खत्म होने के बाद उनका मंगलवार को वापस सूरत जाने का टिकट भी कंफर्म हो गया था। इसी बीच घर का इन्वर्टर खराब हो गया, जिसे बनवाने के लिए अपने चचेरे भाई मनोज को लेकर बाईक से सकलडीहा बाजार चले गए। वहां से एक नई सायकिल खरीद करके चचेरे भाई मनोज को देकर घर भेज दिया। खुद इन्वर्टर बाईक पर लेकर घर वापस जा रहे थे कि धानापुर-डेढ़ावल मेन रोड पर आवाजापुर शहीद कैप्टन विजय प्रताप सिंह महाविद्यालय के समीप सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रैक्टर से उनकी बाईक टकरा गई। घटना की खबर लगते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
धानापुर में प्राथमिक इलाज के बाद परिजन घायल अवस्था में जय सिंह को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था, लेकिन उपचार के दौरान उनकी बुधवार को मौत हो गई। शायद विधाता को यही मंजूर रहा कि जीवित्पुत्रिका के दिन जय सिंह मौर्य सूरत जाने के बजाय दुनिया छोड़ चले। घटना के बाद मृतक की मां देवमुनि देवी व पत्नि शशिकला मौर्य का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।