वीर शिरोमणी जंग बहादुर पटवा को किया याद, बताया देश का सच्चा राष्ट्रवीर 
 

 वक्ताओं ने कहा उनके त्याग और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है। स्वंतत्रता संग्राम सेनानी देश के सच्चे राष्ट्रवीर है। अंत में संगठन के पदाधिकारियों द्वारा जगह जगह श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके मार्ग दर्शन में चलने का संकल्प लिया। 

 
 

माता प्रसाद ने अर्पित की श्रद्धांजलि

परिनिर्वाण दिवस पर किया गया याद

 वीर शिरोमणी का  जंग बहादुर पटवा का मिला है दर्जा 

चंदौली जिले के अखिल भारतीय देववंशी पटवा समाज के राष्ट्रीय नेतृत्व के आवाह्न पर  गुरूवार को वीर शिरोमणी स्वंतत्रता संग्राम सेनानी जंगबहादूर पटवा का 73 वां परिनिर्वाण दिवस जगह जगह घरों में मनाया गया। इस दौरान उनके मार्ग दर्शन में चलने का संकल्प लेते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में गोष्ठी का आयोजन किया गया।

हरदोई के बालामऊ कछौना गांव निवासी स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी वीर जंग बहादुर पटवा का कुर्बानी को भुलाया नहीं जा सकता है। भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन के बहुचर्चित काकोरी कांड 09 अगस्त 1925 में भी शरीक थे।  जिसके चलते ब्रिटिश सरकार ने उनको गिरफ्तार करके हरदोई के जिला कारागार में बन्द कर दिया। जिसके बाद लखनऊ के न्यायालय से 06 माह के कठोर कारावास की सजा हुई। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें 22 जुलाई 1930 को हरदोई जिला कारागार से जिला जेल बाराबंकी के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद 25 मई 1950 को उन्होंने देश की मिट्टी में अपने प्राणों को त्याग दिया।

 वक्ताओं ने कहा उनके त्याग और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है। स्वंतत्रता संग्राम सेनानी देश के सच्चे राष्ट्रवीर है। अंत में संगठन के पदाधिकारियों द्वारा जगह जगह श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके मार्ग दर्शन में चलने का संकल्प लिया। 

इस मौके पर एबीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव देववंशी, महामंत्री आकाश पटवा, डा. पारस देववंशी, प्रदेश अध्यक्ष माता प्रसाद, अखिलेश पटवा, टीएन गुप्ता,सीताराम गुप्त, राजकुमार देववंशी, बिजय बहादूर पटवा,रवि पाटकर, स्वतंत्र देवल, विजय पटवा बिहार, प्रमोद, विक्रम, बीरेन्द्र देववंशी,सुरेश लाल, आनंदी,पुरूषोत्तम देववंशी, विनोद पटवा प्रधान, हरिश्चन्द्र पटवा, देवेन्द्र पटवा आदि एबीडीपी के लोगों ने परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित किया।