पुलिस माफिया गठजोड़ ने करायी है मुटुन यादव की हत्या, सपा नेताओं का बड़ा आरोप
सुरक्षा देने व हटाने की बतानी होगी क्राइटेरिया
जानिए कौन नेता दे रहा है हत्यारों को संरक्षण
पूर्व सांसद और सकलडीहा विधायक ने लगाया पुलिस पर आरोप
पोस्टमार्टम हाउस जाकर दी परिवार को सांत्वना
चंदौली जनपद के धानापुर इलाके में हुई मुटुन यादव की हत्या के बाद आज उनका पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में किया जा रहा है। पोस्टमार्टम हाउस में परिवार के लोगों का सांत्वना देने के लिए समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद और सकलडीहा विधानसभा के समाजवादी पार्टी के विधायक भी मौके पर पहुंचे और इस पूरे हत्याकांड को एक साजिश करार दिया जिसमें पुलिस और माफियाओं का गठजोड़ उजागर हो रहा है।
धानापुर में थाने से 500 मीटर की दूरी पर हुए इस हत्याकांड के बारे में बोलते हुए समाजवादी पार्टी के विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव ने कहा कि परिवार के लोगों ने पुलिस प्रशासन को लिख कर दिया था कि उनकी जान का खतरा है, जिसके बाद उनको सुरक्षा प्रदान की गई थी, लेकिन अपराधियों के साथ पुलिस के गठजोड़ के चलते हैं उनकी सुरक्षा हटा दी गई और उनकी सुरक्षा हटाने पर ही उनकी हत्या संभव हो सकी है।
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ऐसा कहा जा रहा है कि हत्यारों का भाजपा के विधायक व नेताओं के साथ कनेक्शन है, जिसका प्रमाऩ मुटुन यादव के परिवार के लोगों ने पुलिस अधिकारियों व धानापुर थाना प्रभारी को दिया था। आरोपियों की भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ फोटो और उनके घर पर मौजूद होने की जानकारी भी जिला प्रशासन को दी थी। लेकिन पुलिस और प्रशासन ने उसको पकड़ने के बजाय उसका संरक्षण करने का काम किया है। सत्तापक्ष के विधायक के यहां जाकर अपराधी को पकड़ने की पुलिस के पास हिम्मत नहीं है।
जिला अस्पताल पहुंचे समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। मुटुन यादव के परिवार की सुरक्षा हटाने वाले पुलिस के अधिकारियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए, जिसके चलते यह घटना हुई है। पुलिस अधीक्षक के द्वारा यह कहा जाना कि मृतक के ऊपर दर्जनों मुकदमे थे, कहीं ना कहीं पुलिस की ईमानदारी पर सवाल उठता है। अगर किसी के ऊपर मुकदमा भी है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की होती है।
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समाजवादी पार्टी के विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव ने कहा कि जिले में ऐसे तमाम राजनेता हैं, जिनके ऊपर कई मुकदमे और उनकी सुरक्षा में पुलिस को तैनात है। इतना ही नहीं कई माफिया तथा पूर्व में जिला बदर रहे नेताओं को भी सुरक्षा दे रखी है। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली और उसके निर्णय पर सवाल उठता है। पुलिस को बताना होगा कि सुरक्षा देने व हटाने का क्राइटेरिया क्या है।