सकलडीहा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव की तीसरी जमानत याचिका भी हुई निरस्त
चंदौली जिले के अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) विनय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में पुलिस कर्मियों के साथ जोर जबरदस्ती के आरोपी समाजवादी पार्टी के सकलडीहा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव की तीसरी अग्रिम जमानत याचिका निरस्त कर दी है ।
अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शंकर सिंह व अपर शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार त्रिपाठी ने किया। ऐसे में अब चौथी बार विधायक को जमानत के लिए याचिका दाखिल करना पड़ेगा।
आपको बता दें कि वर्ष 2021 के पांच दिसंबर को सकलडीहा क्षेत्र के रामगढ़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास कार्यों के शिलान्यास और जनसभा के लिए आए थे। विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव, पूर्व सांसद रामकिशुन यादव, संतोष यादव समेत कई बड़े नेताओं के नेतृत्व में सैकड़ों सपा कार्यकर्ता जनसभा स्थल की ओर जाने लगे। इस दौरान लक्ष्मणगढ़ में रोके जाने के बाद भी न रुकने पर पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं पर हल्का बल प्रयोग किया। इसके बाद विधायक प्रभु नारायण सिंह द्वारा सीओ अनिरुद्ध सिंह का सिर पकड़कर अपने सिर में लड़ाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
घटना के दूसरे दिन बलुआ थाना के एस आई शिव शंकर सिंह की तहरीर पर विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव, संतोष यादव समेत 150 अज्ञात लोगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस उसी रात दबिश देकर पूर्व जिलाध्यक्ष समेत चार सपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था और अगले दिन उन्हें जेल भेज दिया गया था।
इस दौरान सपा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव भूमिगत हो गये थे। इसी बीच विधायक की ओर से हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दी गई थी, जिसे विशेष न्यायाधीश डॉ. दिनेश कुमार शुक्ला ने सुनवाई के बाद निरस्त कर दिया था। अब सपा विधायक स्थानीय अदालत से जमानत पाने के प्रयास में लगे हुए हैं। परन्तु कोर्ट ने तीसरी बार उनकी जमानत याचिका को निरस्त कर दिया हैं।